Muslims Arrested In Ghaziabad: गाजियाबाद के ऐतिहासिक डासना देवी मंदिर के बाहर गुरुवार की रात हजारों की संख्या में एक धर्म विशेष के लोगों की भीड़ जुट गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान पत्थरबाजी की और भड़काऊ नारे लगाए गए. महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के नेतृत्व में जाने जाने वाले इस मंदिर को कई मुद्दों पर अपने विवादास्पद रुख के कारण बार-बार हमलों का सामना करना पड़ा है.
सवाल उठता है कि आखिर भारी संख्या में भीड़ मंदिर के बाहर क्यों जुटी थी. दरअसल, इसी से जुड़ी एक घटना में डासना मंदिर के पास रामलीला में हिंदू बनकर तीन मुस्लिम युवकों ने एंट्री की कोशिश की थी. उन्होंने अपने बदले नाम बताए थे और कहा था कि हमें सीता, लक्ष्मण और कैकेयी बनना है.
BIG BREAKING: Thousands of Radical Islamists have attacked the Dasna Devi Temple, a historic Hindu temple located in Ghaziabad, Uttar Pradesh.
— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) October 4, 2024
The temple which is led by Mahant Yati Narsinghanand Saraswati.
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हालांकि, तीनों की असली पहचान सामने आने के बाद पुलिस ने मंदिर में प्रवेश पाने के लिए हिंदू नाम का इस्तेमाल करने के आरोप में तीन मुस्लिम लड़कों को गिरफ्तार कर लिया. सीनियर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तीनों का इरादा मंदिर परिसर में आयोजित रामलीला कार्यक्रम में एक्टिंग करने का था.
पुलिस ने बताया कि तीनों व्यक्ति पहले भी विभिन्न रामलीलाओं में अभिनय करते रहे हैं और 2 अक्टूबर को रामलीला में भूमिका निभाने के लिए डासना मंदिर पहुंचे थे. अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में गाजियाबाद पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 3 अक्टूबर को वेव सिटी थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी.
पुलिस ने तीनों व्यक्तियों की पहचान राहुल, नानक और वजीर खान के रूप में की है, जो सभी मथुरा जिले के निवासी हैं. वेव सिटी की सहायक पुलिस आयुक्त लिपी नगायच ने बताया कि जांच के दौरान मंदिर में ड्यूटी पर मौजूद पुलिस ने पाया कि तीनों लोग हिंदू नामों से आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहे थे, हालांकि वे मुस्लिम हैं. जांच के बाद, तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर धोखाधड़ी करने और पूजा स्थल को अपवित्र करने का मामला दर्ज किया गया.
दिनांक 04.10.2024 को डासना मंदिर पर कुछ लडको द्वारा मंदिर के बाहर हल्ला किया जा रहा था जिनको पुलिस बल द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए खदेड़ दिया गया था । मंदिर परिसर के आस-पास पूर्णतः शान्ति बनी हुई है । वहाँ पर और अधिक पुलिस बल लगा दिया गया है ।(1/2)@Uppolice pic.twitter.com/ubk92VFUAR
— POLICE COMMISSIONERATE GHAZIABAD (@ghaziabadpolice) October 4, 2024
जिस दिन धर्म विशेष के लोगों ने मंदिर के बाहर जुटकर नारेबाजी की, उसी दिन पुलिस ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ 29 सितंबर को गाजियाबाद के लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज किया.
पुलिस उपनिरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह सिंह की शिकायत के आधार पर बीएनएस की धारा 302 (किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. सिहानी गेट पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर सचिन कुमार ने कहा कि हमने अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने कथित नफरत भरे भाषण के एक वीडियो का संज्ञान लिया है जो तब से वायरल हो रहा है.
उन्होंने कहा कि कथित वीडियो की जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी. यह भाषण कथित तौर पर मेजर आशाराम व्याघ्र सेवा संस्थान की ओर से डासना मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया गया था, जहां वे मुख्य पुजारी हैं. नरसिंहानंद, जिनके खिलाफ कई मामले हैं, को 2022 में भड़काऊ भाषण मामले में गिरफ्तार किया गया था.