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India Daily

Ram Navami 2025: रामनवमी पर मुस्लिम महिलाओं का अनोखा कदम, उर्दू में पढ़ी राम आरती; Waqf कानून का समर्थन कर दिया संदेश

वक्फ कानून पर मौलानाओं की नफरत के बीच, मुस्लिम महिलाओं ने रामनवमी पर श्रीराम की महाआरती कर प्रेम और मित्रता का संदेश दिया.

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Edited By: Anvi Shukla
muslim women offers ram arti
Courtesy: social media

Muslim Woman Offers Ram Arti: वक्फ कानून को लेकर पूरे देश में जहां एक ओर कट्टरपंथी मौलानाओं द्वारा नफरत की आग फैलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर रामनवमी के मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम की महाआरती कर एकता, प्रेम का संदेश दिया. यह घटना एक शक्तिशाली उदाहरण बनकर सामने आई, जब मुस्लिम महिलाओं ने नफरत के बीच प्रेम का संदेश दिया और वक्फ कानून में सुधार पर अपनी खुशी व्यक्त की.

सजावटी थाल, खूबसूरत रंगोली और उर्दू में लिखी श्रीराम की आरती ने मुस्लिम महिलाओं की श्रद्धा को दर्शाया. इन महिलाओं के चेहरे पर खुशी थी, क्योंकि वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद उन्हें भी अपने अधिकार मिले थे. इस अवसर पर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में नकाबपोश मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती उतारी. 

वक्फ कानून में सुधार का स्वागत

नाजनीन अंसारी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड में सुधार से मुस्लिम महिलाओं को अधिकार मिले हैं. उन्होंने कहा, 'राम जी की कृपा से वक्फ कानून में सुधार हुआ है और हम इससे खुश हैं.' अंसारी ने यह भी कहा कि राम भारत की संस्कृति के प्रतीक हैं और वह हमारे पूर्वज हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हम अपनी परंपराओं को बदलने का सोच भी नहीं सकते. 'जब-जब हम रामजी की आरती करते हैं, तब-तब हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है,' उन्होंने कहा.

डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा...

विशाल भारत संस्थान की डॉ. नजमा परवीन ने कहा कि रामनवमी हमारे देश की संस्कृति का अहम हिस्सा है और रामजी की कृपा से मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में तीन तलाक और वक्फ बिल पास हुए हैं. इस परंपरा को जीवित रखना एकता और सद्भावना का संदेश देता है. 

डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा, 'राम का जन्मदिन मनाना हजारों सालों से हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है. मुस्लिम महिलाओं ने इस परंपरा को जीवंत रखा है, जो पूरे विश्व में प्रेम और एकता का संदेश फैलाता है.'

प्रेम और सम्मान का संदेश

वाईस चेयरमैन अफरोज पांडेय मोनी ने कहा कि अपनी संस्कृति को मानने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए. 'यह देश हमारा है, और हमारे पूर्वज भी यहीं के थे, तो राम जी भी हमारे हैं. उनकी आरती करना गर्व की बात है,' उन्होंने कहा.

इस अवसर पर डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, नगीना बेगम, चांदनी, रुखसाना, सितारा बानो, खुशबू जरीना, शमा, इकरा, नाजमा, शमसुननिशा, सुनीता, सुमन प्रीति, आशा, आभा भारतवंशी, मो. शहाबुद्दीन, नौशाद अहमद दुबे, अब्दुल्ला दुबे, कलीमुद्दीन, इली, खुशी, उजाला, दक्षिता सहित कई लोग उपस्थित रहे.