Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की बीते रोज कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई, तो माफिया, सरगना, डॉन और गैंगस्टर शब्द भी खूब सुर्खियां बटोरने लगे. कोई मुख्तार को माफिया बोल रहा है, तो कोई उसे गैंगस्टर या डॉन का तमगा दे रहा है. पर इन शब्दों में अंतर, मायने या कानूनी मापदंड क्या आपको पता हैं ? क्या आप माफिया और डॉन में फर्क जानते हैं? आइए जानते हैं माफिया, डॉन और गैंगस्टर का मतलब क्या है.
माफिया का मतलब संगठन बनाकर अपराध करने वालों में है. जो पूरा प्लान बनाकर वारदातों को अंजाम देते हैं.. हत्या, धन-उगाही, धमकाना और हथियारों के दम पर अपनी बात मनवाने वाले संगठित गिरोह के संचालकों को माफिया का तमगा दिया जाता है. माफिया एक तरह से वो अपराधी है, जो दूसरे गुंडे और अपराधियों को गिरोह में शामिल करता है.. ऐसे गिरोह कई तरह की वारदातों को खास प्लान बनाकर अंजाम देते हैं. इसके अलावा कई तरह के व्यवसायों में भी अपनी अवैध कमाई निवेश करते हैं. जहां इनका दबदबा होता है. यानी उस व्यवसाय में निवेश करने वाले दूसरे लोग इस गिरोह से डरते हैं और इनके सामने आने से बचते हैं.
डॉन शब्द गैंगस्टर, सरगना और आतंकियों का मिला-जुला स्वरूप है.. ये अपराधी अपना नेटवर्क तैयार कर, फिरौती, किडनैपिंग, मर्डर जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देता है.. जिनका जटिल आपराधिक नेटवर्क था और जिनके सरगनाओं या सरदारों को डॉन कहा जाता था. डॉन शब्द भी इटली का ही है, जो बॉस या सुपर बॉस से सिमिलर है..
गैंगस्टर के भी सभी काम लगभग माफिया जैसे ही होते हैं. संगठित अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए साल 1986 में सरकार ने गैंगस्टर एक्ट बनाया. इस एक्ट के तहत ऐसे संगठित अपराधियों का पूरा ब्यौरा कलेक्ट किया जाता है. इसके बाद एक लंबे प्रोसेस के बाद उनपर ये एक्ट लगाकर उन्हें जेल में डाला जाता है. किसी भी क्रिमिनल को गैंगस्टर घोषित करना आसान नहीं है. इसकी एक पूरी प्रक्रिया है जो कई चरणों में पूरी होती है. जैसे किसी को गैंगस्टर घोषित करने से पहले किसी थाना क्षेत्र में होने वाले आपराधिक वारदातों का एक चार्ट तैयार किया जाता है. इस चार्ट से पता लगाया जाता है कि कौन-कौन से अपराधी एक गैंग से हैं और कौन दूसरे गैंग से है.