Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई है. बीते तीन-चार दिनों से मुख्तार बीमार चल रहे थे. गुरुवार रात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत मुख्तार को तत्काल रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां उनकी मौत हो गई. कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई.
इसके बाद मुख्तार अंसारी ने बाराबंकी कोर्ट में पेशी के दौरान अपनी हत्या की साजिश का आरोप भी लगाया. मुख्तार के वकील ने अपने मुवक्किल की तरफ से कोर्ट को एक प्रार्थना पत्र सौंपा. जिसमें मुख्तार की तरफ से लिखा गया था कि 19 मार्च की रात उन्हें खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई. उन्हें बहुत घबराहट हो रही है और उनका दम निकलता जा रहा है. साथ ही मुख्तार ने कहा कि करीब 40 पहले ही उन्हें खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया था.
मुख्तार की इस अपील पर कोर्ट ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जेल प्रशासन को उचित इलाज और सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए. मुख्तार के इलाज के लिए दो डॉक्टरों के पैनल जेल पहुंची, उनका टेस्ट किया और कुछ दवाइयां दी. साथ ही डॉक्टरों की दो सदस्यी टीम ने जेल प्रशासन को कहा कि रोजा के कारण दिन भर भूखे रहने और फिर शाम में अत्याधिक खाने की वजह से उन्हें ये दिक्कत हो रही है.
पहले हत्या की साजिश की आशंका और फिर मुख्तार की मौत पर सवाल भी उठने लगे हैं. मुख्तार अंसारी के परिजनों ने उन्हें धीमा जहर यानी स्लो प्वाइजन देने का आरोप लगाया है. मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी का कहना है कि यह मौत नहीं है, हत्या है. उनके पिता को पहले खाने में Slow Poison दिया गया और उनकी मुकम्मल इलाज भी नहीं की गई.
उधर मुख्तार अंसारी की मौत पर सियासत भी तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई बड़े नेताओं ने Slow Poison की थ्योरी पर सवाल उठाते हुए CBI जांच की मांग की है.
पांच बार के विधायक रहे मुख्तार अंसारी की मौत पर उठ रहे सवाल के बीच सरकार ने पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. इसके बाद मुख्तार अंसारी की मौत जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है जो जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस बीच मुख्तार के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है.