Sambhal Mosque Survey: मस्जिद सर्वे के दौरान जल उठा संभल, 3 मुस्लिम युवकों की मौत
संभल के जिला मजिस्ट्रेट, राजेंद्र पेंशिया ने पुष्टि की कि सर्वेक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया और पूरी प्रक्रिया को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से दर्ज किया गया. यह रिपोर्ट 29 नवंबर को अदालत में प्रस्तुत की जाएगी.
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को एक मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध कर रही भीड़ की पुलिस से झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई. पुलिस द्वारा यह सर्वे अदालत के आदेश पर किया जा रहा था. दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि संभल में जो मस्जिद है वहां कभी मंदिर हुआ करता था और मंदिर को ढहाकर यहां मस्जिद बना दी गई. कोर्ट के आदेश पर जब पुलिस मस्जिद का सर्वे करने पहुंची तो वहां हिंसा भड़क उठी और इस हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हो गई.
सर्वेक्षण के खिलाफ विरोध
संभल में शाही जामा मस्जिद के पास स्थित घटना स्थल पर सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे, जब सर्वेक्षण टीम वहां पहुंची. यह सर्वेक्षण एक अदालत के आदेश पर किया जा रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद के निर्माण से पहले इस स्थान पर एक मंदिर था. जैसे ही सर्वेक्षण दल पहुंचा, विरोध प्रदर्शन तेज हो गया और भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन भीड़ का विरोध बढ़ता चला गया.
पुलिस और भीड़ के बीच संघर्ष
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भीड़ में शामिल लोग कम से कम 300 की संख्या में थे. पथराव के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप कुछ लोग घायल हो गए. हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. पुलिस ने यह भी बताया कि मरने वालों को गोली लगने का आरोप है, लेकिन उनका कहना है कि मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्पष्ट होगा.
सर्वेक्षण सफलतापूर्वक किया गया पूरा
संभल के जिला मजिस्ट्रेट, राजेंद्र पेंशिया ने पुष्टि की कि सर्वेक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया और पूरी प्रक्रिया को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से दर्ज किया गया. यह रिपोर्ट 29 नवंबर को अदालत में प्रस्तुत की जाएगी.
इस घटनाक्रम ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया, और पुलिस ने तुरंत भारी फोर्स की तैनाती की. पुलिस ने इलाके में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया और 35 लोगों को शांति बनाए रखने के लिए 10 लाख रुपये तक के बांड पर हस्ताक्षर करने को कहा. इस तरह के बांड प्रशासन तब लगाता है जब उसे यह विश्वास हो कि व्यक्ति सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को खतरे में डाल सकता है.
संभल में इस घटना से पहले भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हो चुके थे. इससे पहले 19 नवंबर को भी एक सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें मस्जिद प्रबंधन समिति और स्थानीय पुलिस मौजूद थी.
क्या है पूरा मामला
यह सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन की शिकायत के आधार पर किया जा रहा था, जिन्होंने दावा किया था कि शाही जामा मस्जिद पहले एक मंदिर, 'हरि हर मंदिर' था, जिसे मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था. विष्णु जैन और उनके पिता, हरि शंकर जैन, हिंदू पक्ष की ओर से कई विवादास्पद पूजा स्थल के मामलों में वकील रहे हैं, जिनमें ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ का विवाद भी शामिल है. इस घटना के बाद प्रशासन ने इलाके में और सख्त सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की और आने वाले दिनों में शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए.