मेरठ में अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या और उसके शव के टुकड़े करने की आरोपी मुस्कान रस्तोगी की जेल में पहली रात बेहद तकलीफ में गुजरी. चौधरी चरण सिंह जिला जेल में उसे महिला बैरक में रखा गया, जबकि उसके प्रेमी और हत्या में उसके साथी साहिल शुक्ला को पुरुषों के अलग हिस्से में रखा गया. जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीरेश राज शर्मा के अनुसार, मुस्कान जेल पहुंचते ही पूरी तरह चुप हो गई और उसने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया. सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि वह रात भर रोती रही.
पास-पास बैरक में रहने की गुजारिश
क्रूर हत्या की साजिश
जांच से पता चला कि मुस्कान और साहिल का रिश्ता 2019 से था, जब वे एक स्कूल व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए फिर से मिले थे. मुस्कान ने 2016 में सौरभ से शादी की थी, लेकिन उसे साहिल के साथ अपने भविष्य में बाधा मानकर हत्या की योजना बनाई. सौरभ, जो मर्चेंट नेवी में काम करता था, 24 फरवरी को लंदन से मुस्कान का जन्मदिन मनाने लौटा था. उसे नहीं पता था कि उसकी जिंदगी खत्म करने की साजिश रची जा रही है.
25 फरवरी को पहली बार मुस्कान और साहिल ने उसे नशीला खाना खिलाया, लेकिन वह सिर्फ सुस्त हुआ. फिर 4 मार्च को दूसरी कोशिश में उसे बेहोश करने में सफलता मिली. इसके बाद दोनों ने चाकू से उसकी हत्या कर दी और शव के टुकड़े कर सबूत मिटाने की कोशिश की. पहले वे टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंकना चाहते थे, लेकिन बाद में एक नीले ड्रम में सीमेंट और रेत के साथ शव को सील कर दिया. हत्या से पहले मुस्कान ने अपनी छह साल की बेटी को नानी के घर भेज दिया था.
हिमाचल की सैर और गिरफ्तारी
हत्या के बाद दोनों हिमाचल प्रदेश घूमने गए, ताकि शक से बचा जा सके. लेकिन 17 मार्च को मेरठ लौटते ही सौरभ के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की. पुलिस ने मुस्कान के बयानों में विरोधाभास पाया और पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया. इसके बाद उनके घर से नीला ड्रम बरामद हुआ, जिसमें सौरभ के अवशेष थे. बुधवार देर शाम पोस्टमॉर्टम के बाद सौरभ का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
परिवार का गुस्सा
मुस्कान के माता-पिता अपनी बेटी के इस कृत्य से बेहद आहत हैं. उसके पिता प्रमोद रस्तोगी ने कहा, "मुस्कान ने जीने का हक खो दिया है. ऐसे इंसान को धरती पर रहने का अधिकार नहीं. उसे और साहिल को फांसी मिलनी चाहिए." उनका मानना है कि इस जघन्य अपराध की सजा सिर्फ सख्त से सख्त होनी चाहिए.
एक रात, कई सवाल
मुस्कान की जेल में पहली रात उसकी मनोदशा को दर्शाती है. जो महिला अपने पति की हत्या की साजिश रच सकती थी, वह अब चुप्पी और आंसुओं में डूबी है. यह मामला न केवल एक क्रूर अपराध की कहानी है, बल्कि रिश्तों में विश्वासघात और उसके परिणामों की दर्दनाक तस्वीर भी पेश करता है. अब सबकी नजर इस बात पर है कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाती है.