बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने एक के बाद एक पांच ट्वीट करके पार्टी के उत्तराधिकारी को लेकर नए संकेत दिए हैं. इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया कि BSP के लिए व्यक्तिगत रिश्ते और स्वार्थ महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि सबसे ऊपर बहुजन समाज के हित हैं.
BSP के उत्तराधिकारी का सवाल
मायावती ने 2023 में अपने भतीजे आकाश आनंद को BSP का उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने उन्हें अपनी जिम्मेदारी से हटा दिया था, यह कहते हुए कि आकाश आनंद अभी परिपक्व नहीं हैं. इसके बाद, 47 दिन बाद जून 2024 में मायावती ने एक बार फिर आकाश आनंद को BSP के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आशीर्वाद दिया. तब से यह माना जा रहा था कि आकाश आनंद BSP के उत्तराधिकारी होंगे, लेकिन अब मायावती ने एक बार फिर अपनी असमंजसता को व्यक्त किया है.
1. बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवाँ को सत्ता तक पहुँचाने हेतु, मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है।
— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2025
मायावती ने साफ की स्थिति
मायावती ने अपने पांच लगातार ट्वीट्स में स्पष्ट किया कि BSP के असली उत्तराधिकारी के रूप में उनका विचार किस दिशा में है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "BSP वह पार्टी और आंदोलन है जिसे श्री कांशी राम जी ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी आत्मसम्मान और आत्मगौरव को देश की सत्ता तक पहुंचाने के लिए सब कुछ बलिदान कर स्थापित किया था. इस पार्टी में स्वार्थ, रिश्ते आदि कोई मायने नहीं रखते, केवल बहुजन समाज के हित सबसे महत्वपूर्ण हैं."
उन्होंने आगे कहा, "मैं श्री कांशी राम जी की शिष्य और उत्तराधिकारी के रूप में उनके पदचिन्हों पर चलते हुए आखिरी सांस तक इस संघर्ष को जारी रखूंगी, ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक दासता और सामाजिक लाचारगी से मुक्त हो सकें."
उत्तराधिकारी के चयन के लिए मायावती के दिशा-निर्देश
मायावती ने अपने अगले ट्वीट में यह भी स्पष्ट किया कि BSP का असली उत्तराधिकारी वही हो सकता है, जो श्री कांशी राम जी की तरह पार्टी और आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करता हो. उन्होंने कहा कि उत्तराधिकारी को पार्टी और आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हर दर्द और कष्ट को सहन करना होगा.
इसके अलावा, उन्होंने BSP के सभी बड़े और छोटे कार्यकर्ताओं को यह निर्देश भी दिया कि वे पार्टी प्रमुख द्वारा तय की गई नीतियों, अनुशासन और जिम्मेदारियों के अनुसार पूरी मेहनत, ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करें.
आकाश आनंद और पार्टी में बदलाव
मायावती के इन ट्वीट्स के बाद एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ. 15 फरवरी को उन्होंने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया, क्योंकि उन पर पार्टी में गुटबाजी करने का आरोप था. उसी दिन नितिन सिंह, जो अशोक सिद्धार्थ के करीबी माने जाते थे, को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया.