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60 लाख के बीमा के चक्कर में ले ली भिखारी की जान, 18 साल बाद हुआ खुलासा तो हैरान रह गए लोग

Crime News: एक शख्स लालच के चक्कर में एक भिखारी को जिंदा जला देता है. इसके बाद वह भिखारी की लाश को अपना बताकर इंश्योरेंस के 60 लाख रुपये हासिल कर लेता है. आगरा का रहना वाला यह शख्स पैसे लेने के बाद आगरा से भाग जाता है और अहमदाबाद जाकर नाम बदलकर रहने लगता है. सालों बीत जाते है फिर पुलिस को कोई क्लू मिलता है. जांच शुरू होती है और शख्स पकड़ा जाता है.

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Courtesy: Social Media

Crime News: भविष्य में इमरजेंसी के दौरान कोई दिक्कत न आए इसलिए हममे से बहुत से लोग हेल्थ इंश्योरेंस से लेकर लाइफ इंश्योरेंस कराते हैं. लेकिन कभी-कभी लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं. कुछ ऐसा ही गलत इस्तेमाल एक शख्स ने किया. उसने 60 लाख रुपये के चक्कर में एक भिखारी को जिंदा जलाकर उसे अपनी लाश बताकर इंश्योरेंस कंपनी से पैसे ले लिए.  लेकिन कहते हैं कि सच कभी छिपता नहीं है. कुछ ऐसा ही इस शख्स के साथ हुआ. 18 साल बाद पुलिस ने उसकी इस काली करतूत से परदा उठाकर उसे सलाखों के पीछे भेज दिया.

लालच के चक्कर में एक भिखारी को जिंदा जलाने पर शख्स को तनिक भी दया नहीं आई. शख्स का नाम अनिल सिंह है. जब इसके बारे में लोगों को पता चला तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई.

2006 में भिखारी को जिंदा जलाया

ये पूरी घटना साल 2006 की है. अनिल सिंह ने पूरी प्लानिंग के साथ इस घटना को अंजाम दिया. 30 जुलाई 2006 को वह अपनी कार को आगरा किले के सामने वाली रोड पर बने एक पिलर से टक्कर मरवाता है. इसके बाद कार में आग लग जाती है. उसमें बैठा शख्स जिंदा जल जाता है. अनिल सिंह ने कार में भिखारी को बैठा दिया था.

कार में आग लग जाती है. आग लगने के बाद वहां पुलिस पहुंचती है. कार के नंबर के जरिए पुलिस मालिक तक पहुंचती है. कार के मालिक अनिल के पिता था.

पुलिस अनिल सिंह से पूछताछ करती है. अनिल सिंह बताते हैं कि उनका बेटा कार लेकर गया था. इसके बाद लोगों को लगता है कि अनिल सिंह मर गया. लेकिन असलियत में तो भिखारी की मौत हुई थी.

पैसे लेकर अहमदाबाद शिफ्ट हुआ आरोपी

अनिल सिंह बीमा के 60 लाख रुपये पाने के बाद अहमदाबाद शिफ्ट हो गया था. उसने अपना नाम बदलकर राजकुमार चौधरी रख लिया था. फेक आधार कार्ड भी बना लिया था.

ऐसे खुली अनिल की पोल

पुलिस को सालों बाद पता चलता है कि अनिल नाम का शख्स जिंदा है जिसने खुद को सालों पहले मरा घोषित कर लिया था. पुलिस जांच करती है. जांच में कई चीजें निकलकर सामने आती है. पुलिस पाती है कि अनिल अपना नाम बदलकर अहमदाबाद में रह रहा है. 18 साल बाद जब सच सबके सामने आया तो पैरों तले जमीन खिसक गई.

गिरफ्तार हुआ आरोपी

पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला जो शख्स कार एक्सीडेंट में जलकर मरा था वह अनिल नहीं बल्कि एक भिखारी था. डीजीपी सूरज कुमार के अनुसार अनिल के खिलाफ हत्या और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज करके उसे अरेस्ट कर लिया गया है.

पहले खिलाया खाना फिर जला दिया जिंदा

पुलिस ने बताया कि अनिल ने भिखारी को खाना खिलाने के बहाने बुलाया. उसे अच्छे खाना खिलाया. उसके खाने में नशीली दवा भी मिला दी गई थी. खाना खाने के बाद भिखारी बेहोश हो गया था. अनिल ने उसे कार में बैठाया और फिर कार में आग लगा दी, जिससे भिखारी की जलकर मौत हो गई.