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महाकुंभ भगदड़ के बाद अब तक क्या-क्या हुआ, जानें अब तक के सारे अपडेट्स

Mahakumbh Stampede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम पर बुधवार को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान हुई भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई. अब तक इस घटना में क्या-क्या हुआ. आइए जानते हैं कि आज अब तक क्या-क्या हुआ.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Mahakumbh Stampede 30 Killed CM Yogi Orders Judicial Probe What happened till now
Courtesy: Social Media
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Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में हुए महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के समय एक भयंकर भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई. यह हादसा भारी भीड़ के कारण हुआ, जब बैरिकेड्स गिर गए. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है और इसके कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस जांच भी शुरू कर दी है.

 भगदड़ का कारण क्या था?

घटना रात के करीब 1 से 2 बजे के बीच हुई, जब श्रद्धालुओं ने "अखाड़ा मार्ग" पर लगे बैरिकेड्स को पार कर लिया. बताया गया कि श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए बैरिकेड्स से कूद पड़े, जिससे पहले से इंतजार कर रहे लोग गिर गए और भगदड़ मच गई. इस दौरान लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे और कुछ लोग बेहोश हो गए. पुलिस और प्रशासन की ओर से तुरंत कार्रवाई की गई, लेकिन भीड़ के दबाव के कारण यह घटना नियंत्रण से बाहर हो गई.

तत्काल प्रतिक्रिया और राहत कार्य

घटना के तुरंत बाद एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियाँ मौके पर पहुंची. घायलों को अस्पताल में भेजा गया और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. स्थानीय अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई, और प्रशासन के अधिकारी राहत कार्यों में जुट गए. घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी चिकित्सा देखभाल शुरू की गई.

सीएम ने वॉर रूम से स्थिति पर नजर रखी

सुबह 3:30 बजे से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा और वॉर रूम से स्थिति की निगरानी की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चार बार फोन कर घटना, राहत कार्य और बचाव ऑपरेशन्स के बारे में अपडेट दिया. गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को भी स्थिति से अवगत कराया गया.

वरिष्ठ अधिकारी, जैसे कि मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, सीएम के साथ वॉर रूम में मौजूद रहे, ताकि बचाव कार्य और भीड़ नियंत्रण के उपायों पर नजर रखी जा सके.

घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था

महाकुंभ के आयोजन स्थल पर सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया. अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया और विशेष सुरक्षा टीमों को लगाया गया ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके. प्रशासन ने स्नान की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हुए सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से स्नान करने की व्यवस्था की. संतों और साधुओं के स्नान को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया, ताकि भीड़ का दबाव कम हो सके.

न्यायिक जांच आयोग का गठन

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. इस आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश हरश कुमार करेंगे, जबकि अन्य सदस्य के रूप में पूर्व पुलिस महानिदेशक वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी.के. सिंह होंगे. यह आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा.

मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) ने इस घटना की जांच के लिए प्रयागराज जाने का निर्णय लिया है और वे घटनास्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे.

सीएम योगी का भावुक बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गहरे दुख और आक्रोश का इज़हार किया. उन्होंने कहा, "यह हादसा भारी भीड़ और बैरिकेड्स के टूटने की वजह से हुआ. प्रशासन ने कई समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी ऐसा कैसे हुआ? हम इस मामले की पूरी जांच करेंगे." उन्होंने घटना के बाद जिम्मेदारी तय करने की बात भी कही.

"हमने तमाम तैयारियां की थीं, फिर भी यह दुखद हादसा हुआ है. हमें सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसा कुछ न हो," सीएम ने कहा.

पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजा

सीएम योगी ने मृतक श्रद्धालुओं के परिवारों को ₹25 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. "सरकार ने तुरंत कदम उठाए हैं. मुआवजे के अलावा, मुख्य सचिव और डीजीपी को घटनास्थल पर भेजा गया है, ताकि वे स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट सौंप सकें," उन्होंने कहा.

घटना के तुरंत बाद, एंबुलेंस सेवाएं और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया. फिलहाल, 36 लोग प्रयागराज में इलाज करा रहे हैं, जबकि अन्य को उनके परिवारों के साथ भेज दिया गया है.