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क्यों नागा साधु अपने पूरे शरीर पर लगाते हैं चिता की राख? इस खास परंपरा की वजह जान चौंक जाएंगे

हिंदू धर्म में भस्म को एक अत्यधिक पवित्र चीज माना जाता है. यह चिता की राख होती है, जो आत्मा के शुद्धिकरण और जीवन के स्थिरता को दर्शाती है. भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करने वाली भस्म को साधु अपनी त्वचा पर लगाकर यह समझते हैं कि वे माया और भौतिक दुनिया से ऊपर उठ रहे हैं.

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Edited By: Princy Sharma
Mahakumbh 2025
Courtesy: Pinterest

Mahakumbh 2025: भारत में साधु-संतों का जीवन कई अनोखी परंपराओं और रिवाजों से भरा होता है. इनमें से एक प्रमुख परंपरा है भस्म का शरीर पर उपयोग, जो विशेष रूप से नागा साधुओं द्वारा की जाती है. यह भस्म न केवल एक धार्मिक क्रिया है, बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण भी हैं, जो साधु जीवन की गहरी साधना को दर्शाते हैं.

हिंदू धर्म में भस्म को एक अत्यधिक पवित्र चीज माना जाता है. यह चिता की राख होती है, जो आत्मा के शुद्धिकरण और जीवन के स्थिरता को दर्शाती है. भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करने वाली भस्म को साधु अपनी त्वचा पर लगाकर यह समझते हैं कि वे माया और भौतिक दुनिया से ऊपर उठ रहे हैं. भस्म लगाना उनके लिए भगवान शिव की पूजा और उनकी शक्ति से जुड़ने का एक तरीका है. इसे शुद्धि और साधना के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है.

साइंस और फायदे

आध्यात्मिक दृष्टिकोण के अलावा, भस्म के शरीर पर लगाने के कई वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं. भस्म इंसुलेटर की तरह काम करती है, जो शरीर की गर्मी को बाहर निकलने से रोकती है और ठंडी हवाओं से बचाती है. गर्मियों में यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है, जबकि सर्दियों में यह शरीर को गर्मी प्रदान करती है. इसके अतिरिक्त, भस्म के उपयोग से त्वचा संबंधी रोगों में आराम मिलता है और यह मन की एकाग्रता को भी बढ़ाता है.

भस्म शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है, जिससे साधु और उनके आस-पास का वातावरण शुद्ध रहता है. यह कीटाणुओं से सुरक्षा प्रदान करती है और शरीर को मच्छरों और कीट-पतंगों से बचाती है. 

हाल ही में भस्स और नागा साधू से जुड़ा मामला महाकुंभ से सामने आया था. जहां मेले में एक गरीब वृद्ध व्यक्ति स्नान करने आया था. ठंड से बचने के लिए उसने अपने भगवा वस्त्र के अंदर टी-शर्ट और मोटी पतलून पहन रखी थी. वृद्ध व्यक्ति बैठकर विश्राम कर रहा था, तभी एक युवा नागा साधु, जो अपने शरीर पर राख की भस्म लगाए हुआ था, उसे देख कर उसे नकली साधु कहकर गाली देने लगा और पीटने लगा और कहने लगा कि देख हम तो नग्न अवस्था में हैं क्या हमें ठंड नहीं लगती ? वृद्ध व्यक्ति हाथ जोड़कर विनती कर रहा था कि ठंड के कारण उसने रंगीन कपड़े पहने हैं, लेकिन वह स्नान करके चला जाएगा.