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Maha Kumbh 2025: कब है महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान? इस अशुभ मुहूर्त में भूलकर भी न लगाएं डुबकी

महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगा, जो पुण्य और मोक्ष के लिए खास माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर डुबकी लगाते हैं. महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है और 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलता है.

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Edited By: Princy Sharma
Maha Kumbh 2025
Courtesy: Twitter

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को होगा, जो मौनी अमावस्या के दिन है. धर्म में इस दिन का खास महत्व है, क्योंकि यह दिन पुण्य प्राप्ति, दान-पुण्य और मोक्ष के लिए आदर्श माना जाता है. इस दिन श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पर डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करते हैं. 

महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है और यह 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु महाकुंभ के अद्भुत महत्व का लाभ उठाने के लिए प्रयागराज आते हैं. विशेष रूप से अमृत स्नान के दिन लगाई गई डुबकी को मोक्षदायक माना जाता है.

महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान

29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या का व्रत है और इस दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान आयोजित किया जाएगा. अमावस्या तिथि 28 जनवरी की रात से शुरू हो जाएगी और 29 जनवरी को शाम 6:04 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार इस दिन स्नान का सही मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:18 बजे तक रहेगा. यह समय भक्तों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इस समय स्नान करने से पुण्य और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.

राहुकाल से बचें

मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान के लिए राहुकाल से बचना चाहिए. हिंदू धर्म में राहुकाल का समय शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता. इस दौरान किए गए कार्य का फल सकारात्मक नहीं होता. 29 जनवरी को राहुकाल सुबह 12:35 बजे से 1:55 बजे तक रहेगा, जो कुल 1 घंटा 20 मिनट तक होगा। इस समय से बचकर ही स्नान करना चाहिए.

महाकुंभ में स्नान का महत्व

महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी घाट पर डुबकी लगाने से न सिर्फ शारीरिक शुद्धता मिलती है, बल्कि आत्मिक शांति और मोक्ष का मार्ग भी खुलता है. इस दिन हर भक्त अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ स्नान करने जाता है.