Mahakumbh 2025: कुंभ मेले में हाई-टेक रसोई, हर दिन 1 लाख भक्तों के लिए बन रहा है खाना, जानें कैसे

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के लिए हाई-टेक रसोई बनाई गई है, जो हर दिन 1 लाख से ज्यादा लोगों को भोजन उपलब्ध कराती है. 500 लोग खाना बनाने और 2,000-3,000 लोग सेवा में लगे हैं. आधुनिक मशीनें एक घंटे में 2,000 रोटियां, सब्जियां और चावल बड़ी मात्रा में तैयार करती हैं.

Twitter

Mahakumbh 2025 Food Service: महाकुंभ 2025 की व्यवस्था में सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, और ठहरने की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. सरकार ने श्रद्धालुओं की यात्रा आरामदायक बनाने के लिए काफी व्यवस्था की है.  श्रद्धालुओं के लिए हाई-टेक रसोई भी तैयार की गई है. मानव धर्म शिविर द्वारा बनाई गई इस रसोई में हर दिन 1 लाख से ज्यादा लोगों को भोजन कराया जा रहा है. इस विशाल रसोई को संचालित करने के लिए 500 लोग खाना बनाने में जुटे हुए हैं, जबकि 2,000 से 3,000 लोग खाना परोसने और अन्य सेवाओं में मदद कर रहे हैं.

इस रसोई में आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बड़ी मात्रा में खाना बनाने में मदद करती हैं. यहां ऐसी मशीन लगाई गई है, जो एक घंटे में 2,000 रोटियां या पूरियां बना सकती है. यह मशीन लगातार काम करती है और समय की बचत करती है. इसके साथ बड़ी मात्रा में सब्जियां काटने और पकाने के लिए भी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन मशीनों के बिना हर दिन इतने बड़े पैमाने पर खाना बनाना संभव नहीं होता. वहीं, चावल बनाने के लिए भी खास मशीन लगाई गई है, जिससे हजारों लोगों का खाना आसानी से तैयार हो रहा है.

शिविर में मिल रहीं ये सुविधाएं  

मानव धर्म शिविर में सिर्फ खाना ही नहीं, बल्कि अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं. यहां   श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिविर में 2,000 शौचालय बनाए गए हैं.  लोगों के रहने के लिए टेंट लगाए गए हैं, जिनमें पानी और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.

मुख्यमंत्री करेंगे खास कार्यक्रम में शिरकत  

आज इस शिविर में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे. महाकुंभ 2025 में अब तक 110 मिलियन (11 करोड़) से ज्यादा श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगा चुके हैं. बीते 14 दिनों में यह भव्य आयोजन आध्यात्मिकता और आस्था का केंद्र बना हुआ है.

45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद  

महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में होता है. इस बार यह 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा. संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम) में पवित्र स्नान करना पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है. इस आयोजन में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है.