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Mahakumbh 2025: महाकुंभ के महाजाम से बचा सकता है ये आसान तरीका, यहां देखें पार्किंग और संगम पहुंचने का रास्ता

प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ स्नान के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिससे शहर में भीड़ और जाम की स्थिति गंभीर हो गई है. हर घंटे 8,000 वाहन पहुंच रहे हैं, जिससे कई किलोमीटर का सफर 2-3 घंटे में पूरा हो रहा है.

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Edited By: Princy Sharma
Mahakumbh 2025
Courtesy: Twitter

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के मौके पर महाकुंभ स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पहुंचे हैं, लेकिन शहर में भारी भीड़ और यातायात व्यवस्था की भारी असफलता ने स्थिति को और भी मुश्किल बना दिया है. शहर के प्रमुख मार्गों पर हजारों वाहन फंसे हुए हैं और जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि हर घंटे करीब 8,000 वाहन प्रयागराज पहुंच रहे हैं. यह हालत इतनी बदतर हो गई है कि कई किलोमीटर का सफर पूरा करने में 2-3 घंटे लग रहे हैं.

शहर में जाम की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि प्रशासन के सारे प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं. संगम स्थल तक पहुंचने का रास्ता मुश्किल हो गया है और लोग घंटों ट्रैफिक में फंसे रहते हैं. जब तक लोग संगम तक पहुंचने का रास्ता नहीं खोज पाते, उनकी श्रद्धा भी थकान में बदल जाती है.

प्रमुख हाइवे पर जाम की स्थिति

प्रयागराज पहुंचने के लिए कुल 9 प्रमुख हाइवे हैं, जो विभिन्न जिलों से जुड़ते हैं. इन सभी हाइवे पर हजारों वाहन फंसे हुए हैं. लखनऊ हाइवे से हर घंटे 1500 से 2000 वाहन प्रयागराज आ रहे हैं, जबकि वाराणसी हाइवे से भी करीब 1500 वाहन हर घंटे शहर में प्रवेश कर रहे हैं. इसके अलावा, रीवां-चित्रकूट हाइवे से लगभग 2000 वाहन भी आ रहे हैं. इस प्रकार, हर दिन करीब 40,000 से ज्यादा वाहन प्रयागराज पहुंच रहे हैं, जिससे जाम की स्थिति दिन-ब-दिन और बिगड़ती जा रही है.

जाम से निपटने के लिए प्रशासन के प्रयास

जाम से निपटने के लिए प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कई उपाय किए हैं. सीमावर्ती जिलों के पुलिस प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सड़क मार्ग पर विशेष ध्यान दिया है. वाहनों को डायवर्ट किया जा रहा है ताकि यातायात का दबाव कम हो सके. इसके अलावा, प्रयागराज के सभी प्रमुख टोल प्लाजा पर वाहनों की जांच की जा रही है और उन्हें मार्गों के अनुसार डायवर्ट किया जा रहा है.

क्या है समाधान?

यदि आप महाकुंभ में शामिल होने जा रहे हैं, तो निजी वाहनों से जाने की बजाय सार्वजनिक परिवहन जैसे रेल, बस या हवाई यात्रा का विकल्प चुनना अधिक उचित होगा. इससे आपको न केवल जाम से बचने का मौका मिलेगा, बल्कि यात्रा भी सुगम रहेगी. 

संगम तक पहुंचने का रास्ता

जो लोग संगम तक पहुंचने में असमर्थ हैं, वे किसी आश्रम में ठहरकर भीड़ कम होने का इंतजार कर सकते हैं. यदि आप निजी वाहन से पहुंचने में कामयाब हो जाते हैं, तो आप अपनी गाड़ी नजदीकी पार्किंग में पार्क कर सकते हैं और वहां से ऑटो या पैदल संगम तक जा सकते हैं.

पार्किंग की व्यवस्था

प्रशासन ने पार्किंग की व्यवस्था भी की है, ताकि वाहन जाम में न फंसे. यदि आप कानपुर से आ रहे हैं, तो आपको नवाबगंज, मलाक हरहर, सिक्सलेन होते हुए बेली कछार और बेला कछार तक पार्किंग मिल सकती है. कौशांबी मार्ग से आने वाले वाहन नेहरू पार्क और एयरफोर्स मैदान में पार्क कर सकते है. प्रतापगढ़ और लखनऊ की ओर से आने वाले वाहन बेली कछार और बेला कछार दो तक पार्क हो सकेंगे.

वाराणसी से आने वाले श्रद्धालु कनिहार रेलवे अंडरब्रिज से शिवपुर उस्तापुर पार्किंग, पटेल बाग और कान्हा मोटर्स पार्किंग में अपनी गाड़ी पार्क कर सकते हैं. इसके अलावा, मिर्जापुर और रीवा मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी पार्किंग व्यवस्था की गई है.

बस और शटल सेवा

जिन श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थल से संगम तक पहुंचने में समस्या हो रही है, उनके लिए शटल बस सेवा की व्यवस्था की गई है. जो लोग सहसों से आ रहे हैं, उन्हें शटल बसों के जरिए संगम तक पहुंचने का मौका मिलेगा. प्रशासन ने पार्किंग से लेकर शटल बस सेवा तक सब व्यवस्था का ध्यान रखा है ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के महाकुंभ स्नान कर सकें.

प्रशासन की चेतावनी

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस व्यवस्था का उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अव्यवस्था से बचने के लिए अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और पार्किंग स्थल पर ही अपने वाहन छोड़कर आगे बढ़ें.