School Holidays Extended: प्रयागराज में महाकुंभ मेले की वजह से दुनिया भर से लोग आ रहे हैं. यहां भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है. इसकी वजह से ट्रैफिक की समस्या हो रही है. हालात को देखते हुए प्रयागराज में कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक की सभी कक्षाएं बंद रखने का फैसला लिया गया है. बच्चे अब घर से ही पढ़ाई करेंगे.
यानि ऑनलाइन क्लासेज चलती रहेंगी. जानकारी के लिए आपको बता दें कि पहले 16 फरवरी तक स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया था लेकिन अब इसे बढ़ा कर 20 फरवरी कर दिया गया है.
एक्स पर इसका ऐलान करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा कि 'सभी बोर्ड के विद्यालय 17 से 20 फरवरी तक इस दौरान बंद रहेंगे, और बच्चों के शिक्षण कार्य हेतु ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाएगी. यह आदेश जिलाधिकारी प्रयागराज के निर्देश पर दिया गया है.
— Praveen tiwari BSA PRAYAGRAJ (@Bsa_Prayagraj) February 16, 2025
दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागमों में से एक महाकुंभ मेला 2025, 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हुआ. हिंदू परंपरा में गहराई से निहित इस पवित्र समागम ने दुनिया भर से लाखों भक्तों, संतों और साधकों को त्रिवेणी संगम - गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर आकर्षित किया है. इस साल का महाकुंभ विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुर्लभ खगोलीय विन्यासों के साथ संरेखित है जो हर 144 साल में एक बार होता है, जो इसके आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है और तीर्थयात्रियों की अभूतपूर्व संख्या को आकर्षित करता है.
13 जनवरी की उद्घाटन तिथि का गहरा ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व है. यह दिन मकर संक्रांति का प्रतीक है , जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जो उत्तरायण के प्रारंभ का संकेत देता है - हिंदू परंपरा में छह महीने की अवधि को अत्यधिक शुभ माना जाता है. माना जाता है कि उत्तरायण शुभ कार्यों के लिए आदर्श समय है , जो इस अवधि के दौरान की गई प्रार्थनाओं और अनुष्ठानों की शक्ति को बढ़ाता है.
यह समय समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से भी जुड़ा हुआ है , जहां माना जाता है कि अमृत (दिव्य अमृत) की बूंदें चार स्थानों पर गिरी थीं: प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक. इनमें से प्रयागराज विशेष महत्व रखता है, जो हर 12 साल में एक बार महाकुंभ मेले की मेजबानी करता है. आकाशीय संरेखण और प्रयागराज के पवित्र भूगोल का संगम इस वर्ष के आयोजन को आध्यात्मिक साधकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बनाता है.