महाकुंभ नगर, 3 फरवरी : महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान के अवसर पर बसंत पंचमी के दिन देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. शाम 8 बजे तक 2.57 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया.
मेला प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 3 फरवरी को शाम 8 बजे तक कुल 2.57 करोड़ लोगों ने पवित्र संगम में स्नान किया, जिसमें 10 लाख कल्पवासी भी शामिल थे. 13 जनवरी से अब तक कुल 35 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं, जिससे इस बार का आयोजन ऐतिहासिक बनता जा रहा है.
हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा, हर-हर गंगे के जयकारे गूंजे
मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि संगम घाट पर नागा साधु-संतों और श्रद्धालुओं के स्नान के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई. पूरे क्षेत्र में "हर-हर गंगे" और "जय मां गंगे" के जयकारों से भक्तिमय माहौल बना रहा.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा "महाकुंभ में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की दिव्य धाराओं में अमृत स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई."
सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर
सूचना निदेशक शिशिर ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित अपने आधिकारिक आवास से प्रमुख सचिव (गृह) और डीजीपी के साथ बैठक कर सुबह 3:30 बजे से ही महाकुंभ में हो रहे स्नान पर नजर बनाए हुए थे. उन्होंने यह भी बताया कि अखाड़ों का अमृत स्नान पूरी तरह से निर्विघ्न संपन्न हुआ और सभी 13 अखाड़ों के संतों ने दोपहर तक अपना स्नान पूरा कर लिया.
संगम तट पर भक्तों का सैलाब, विदेशी श्रद्धालुओं की भी भागीदारी
इस ऐतिहासिक मौके पर संगम तट भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं से भरा रहा. लाखों भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाकर मोक्ष की प्राप्ति की कामना की.
मौनी अमावस्या पर भगदड़ से बचने के लिए लोग पहुंचे दशाश्वमेध घाट
हाल ही में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान भगदड़ की घटना में 30 लोगों की मृत्यु और 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थे. इसी कारण, कई श्रद्धालुओं ने भीड़ से बचने के लिए दारागंज स्थित दशाश्वमेध घाट पर स्नान किया.
रायपुर से आई श्रद्धालु राम प्यारी ने ‘पीटीआई’ से कहा "इस भारी भीड़ में गंगा स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए हमने संगम जाने के बजाय यहां स्नान करना बेहतर समझा." महाकुंभ का यह ऐतिहासिक आयोजन भक्तों की अटूट श्रद्धा और भक्ति की मिसाल पेश कर रहा है, जहां हर कोई पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए उमड़ रहा है.
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)