menu-icon
India Daily

प्रयागराज महाकुंभ में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी, उत्तर प्रदेश सरकार ने दी जानकारी

महाकुंभ मेला, जो हर 12 वर्षों में प्रयागराज में आयोजित होता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह मेला न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है और यह आयोजन लाखों लोगों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होता है.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
More than 50 crore devotees took a holy dip in the confluence during Prayagraj Maha Kumbh
Courtesy: Pinterest

उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बताया कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई है. यह संख्या भारत और चीन के अलावा दुनिया के अन्य सभी देशों की जनसंख्या से भी अधिक है.

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की यह संख्या न केवल भारत, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े जनसमूह के रूप में पहचानी जा रही है. सरकार ने दावा किया कि यह आयोजन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से मानव इतिहास का अब तक का 'सबसे बड़ा जनसमूह' है. संगम में स्नान करने आए भक्तों की भारी भीड़ ने इस आयोजन को एक ऐतिहासिक रूप दे दिया है, जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है.

महाकुंभ: एक ऐतिहासिक धार्मिक अवसर

महाकुंभ मेला, जो हर 12 वर्षों में प्रयागराज में आयोजित होता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह मेला न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है और यह आयोजन लाखों लोगों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव होता है.

उत्तर प्रदेश सरकार की अहम भूमिका

महाकुंभ मेले के सफल आयोजन में उत्तर प्रदेश सरकार की अहम भूमिका रही है. सरकार ने इस आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और यातायात की समुचित व्यवस्था के लिए सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं.

अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने वाला आयोजन

महाकुंभ का यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बन चुका है. यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक अभूतपूर्व घटना है.