प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन जारी है, और सोमवार को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर लगभग तीन करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र स्नान करने की उम्मीद जताई जा रही है. आयोजन की व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है.
हाल ही में महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए हर संभव संसाधन झोंक दिए गए हैं. महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन के लिए 270 प्रशिक्षु भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों को तैनात किया गया है, जिनमें 77 महिला अधिकारी भी शामिल हैं. इसके अलावा, कुंभ क्षेत्र में किसी भी संभावित जोखिम को कम करने के लिए वीवीआईपी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है.
देशभर के सैकड़ों ट्रेनी IPS ऑफिसर प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे हैं। वो यहां पुलिस प्रबंधन, क्राउड कंट्रोल जैसी चीजें देखने–समझने आए हैं। pic.twitter.com/7oZ58Qj1U8
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) February 2, 2025
स्नान व्यवस्था और सुरक्षा उपाय
अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी एक घाट पर भीड़ न लगाएं, बल्कि सभी घाटों पर स्नान के लिए जाएं. इससे भीड़ का संतुलन बना रहेगा और अप्रिय घटनाओं से बचा जा सकेगा. महाकुंभ स्थल पर भीड़ के सही आकलन के लिए हवाई सर्वेक्षण किया जाएगा. अब तक 33 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस ऐतिहासिक आयोजन में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. इस वर्ष का महाकुंभ 13 जनवरी को आरंभ हुआ था और यह 26 फरवरी को समाप्त होगा.
महाकुंभ में प्रमुख स्नान तिथियां
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान हो रहा है. इसके अलावा, इस महीने दो और महत्वपूर्ण स्नान तिथियां निर्धारित हैं:
माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी
महाशिवरात्रि: 26 फरवरी
यातायात और परिवहन की विशेष व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने अतिरिक्त बस सेवाएं प्रदान की हैं। विशेष रूप से बसंत पंचमी के दिन परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए चार अस्थायी बस स्टेशनों से कुल 2,500 बसों को तैनात किया गया है.
इनमें शामिल हैं
झूंसी: 1,500 बसें
बेला कछार (लखनऊ रूट): 600 बसें
नेहरू पार्क (कानपुर रूट): 300 बसें
मिर्जापुर और बांदा रूट: 100 बसें
इसके अतिरिक्त, महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम बनाने के लिए हर दो मिनट में 550 शटल बसें चलाई जा रही हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी चिकित्साकर्मियों को 6 फरवरी तक अपनी तैनाती स्थलों पर बने रहने का आदेश दिया है. सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, 1,200 से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ महाकुंभ में सेवाएं दे रहे हैं.किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी स्वास्थ्य प्रणाली को अलर्ट पर रखा गया है.
आपातकालीन सेवाएं और चिकित्सा सहायता
महाकुंभ में चिकित्सा सेवाओं के नोडल अधिकारी डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और एंबुलेंस सेवाएं पूरी तरह सक्रिय हैं. डॉ. दुबे ने कहा, "जरूरत पड़ने पर मरीजों को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल या तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली अस्पताल) में शिफ्ट किया जाएगा। मेडिकल टीमें पूरी तरह से तैयार हैं और 5 फरवरी तक कोई भी डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ अपना पद नहीं छोड़ेगा." उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की "सर्वोच्च प्राथमिकता" श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है.आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए एक विशेष बैकअप योजना भी तैयार की गई है.