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महाकुंभ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, त्रिजटा स्नान पर 1.36 करोड़ लोगों ने लगाई संगम में आस्था की डुबकी

महाकुंभ में गंगा और संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. शुक्रवार को 50 करोड़ से अधिक लोगों के स्नान के रिकॉर्ड के बाद, शनिवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर 1.36 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई.

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Edited By: Garima Singh
Maha Kumbh
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MahaKumbh 2025: महाकुंभ में गंगा और संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. शुक्रवार को 50 करोड़ से अधिक लोगों के स्नान के रिकॉर्ड के बाद, शनिवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर 1.36 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई.

त्रिजटा स्नान के साथ ही माघ मास के कल्पवास में प्रथम साधक दंडी स्वामी संतों ने महाकुंभ नगर से प्रस्थान किया. माघी पूर्णिमा और बसंत पंचमी के अमृत स्नान के बाद, 13 अखाड़ों के साधु संत पहले ही महाकुंभ मेले से विदा ले चुके थे. संगम की पावन रेती पर एक महीने से प्रवास कर रहे सनातन धर्म के संरक्षक दंडी स्वामी संतों ने शनिवार को अंतिम स्नान करके अपने मठों की ओर प्रस्थान किया.

मेला प्रशासन के आंकड़े: श्रद्धालुओं की भारी भीड़

मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को शाम 8 बजे तक 1.36 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया. 13 जनवरी से अब तक कुल 52.83 करोड़ श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं. महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने धार्मिक आस्था का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया.

जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम का संदेश

अखिल भारतीय दंडी परिषद के प्रमुख जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम ने कहा, "माघ माह का कल्पवास तो माघी पूर्णिमा स्नान के साथ पूर्ण हो जाता है, लेकिन कल्पवास के दौरान अज्ञानवश किए गए पाप केवल त्रिजटा स्नान के बाद ही नष्ट होते हैं." स्वामी महेशाश्रम के संदेश ने त्रिजटा स्नान के महत्व को और गहराई से समझाया.

राजनीतिक हस्तियों की त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी

शनिवार को त्रिजटा स्नान के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पत्नी सोनल शाह,
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष एवं भाजपा नेता अपर्णा बिष्ट यादव, तथा कांग्रेस नेता, सांसद और बीसीसीआई सचिव राजीव शुक्ला ने भी त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई.
राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति ने संगम स्नान को और अधिक आकर्षक बनाया.

धार्मिक आस्था और परंपरा का प्रतीक महाकुंभ

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने धार्मिक आस्था और परंपरा का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया. गंगा और संगम में स्नान करना पुण्य और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना जाता है.
महाकुंभ नगर में हर ओर धार्मिक भक्ति और आस्था का माहौल देखने को मिला.