Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी ने पीलीभीत से योगी के मंत्री को दिया मौका; अब क्या करेंगे वरुण गांधी?
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट में वही हुआ जिसका डर था. मतलब कि बीजेपी ने वरुण गांधी का यहां से टिकट काट दिया है. उनकी जगह जितिन प्रसाद को मौका दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कि अब वरुण गांधी क्या करेंग?
Lok Sabha Elections 2024 : यूपी की पीलीभीत लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस बार वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. पार्टी ने उनकी जगह योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से लोकसभा का टिकट दिया है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है अब वरुण गांधी का अगला कदम क्या होगा? क्या वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर पार्टी के लिए काम करेंगे
मीडिया में हफ्ते भर पहले यह खबर आई थी कि वरुण गांधी ने चार सेट नामांकन पत्र खरीदे हैं. हालांकि तब उनके समर्थकों का दावा था कि पार्टी उनको टिकट देगी. लेकिन अब तो बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया है, जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि वरुण गांधी निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि वो किसी दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर सकते हैं.
वरुण गांधी के सामने क्या हैं रास्ते?
बीजेपी से टिकट कटने का बाद साफ हो गया है कि पार्टी में अब उनके लिए कोई संभावना नहीं है. इसके बाद उनके सामने दो विकल्प हैं. पहला कि वह पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ें. दूसरा विकल्प है कि वह समाजवादी पार्टी में जाकर सपा का टिकट से चुनाव लड़ें. अखिलेश यादव वरुण गांधी के सपा में आने के लिए स्वागत भी कर चुके हैं.
किन वजहों से वरुण गांधी का बीजेपी से कटा टिकट?
वरुण गांधी का पत्ता साफ होने की मुख्य वजह उनका भाजपा विरोधी रुख है. उन्होंने किसान आंदोलन से लेकर बेरोजगारी, कोरोना के समय तक में बीजेपी को घेरने का काम किया था. उन्होंने सबसे पहले 2016 में उत्तर प्रदेश में अपना पोस्टर लगाकर पार्टी नेतृत्व को नाराज किया था. उन्होंने प्रयागराज में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले ही पीएं मोदी के साथ अपने पोस्टर लगवाए थे. इसको वरुण के खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने की कोशिश के रूप में देखा गया था.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भाजपा को घेरा
लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से किसानों को कुचलने के मामले में वरुण ने भाजपा पर हमला बोला था. उन्होंने कई बार ट्वीट कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और किसानों का साथ दिया था. इससे भाजपा की फजीहत हुई थी. इसके बाद वरुण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया था.