लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनानी तारीखों का ऐलान हो चुका है. पहले चरण में 102 सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा. पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें मतदान होना है. इन सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ये सीटें सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत हैं. इन सीटों पर 2019 के चुनाव में बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ा था.
उत्तर प्रदेश में इस बार बीजेपी सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरी है. इस बार जाटलैंड की जमीन पर कमल खिलाने के लिए बीजेपी ने रालोद के साथ गठबंधन भी किया है.
इस बार जाटलैंड की मुजफ्फरनगर, नगीना जैसी सीटों पर बीजेपी और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) गठबंधन का टेस्ट भी देखने के लिए मिलेगा. बीजेपी, आरएलडी से गठबंधन कर यहां बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है. वहीं सपा को पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के समर्थन से जीत की आस है. अबकी बार के लोकसभा चुनाव में रामपुर, कैराना, बिजनौर जैसी सीटों पर पीडीए वाले समीकरण की परीक्षा होगी. ये सभी आठ सीटें ऐसी ऐसी हैं, जहां जाट के साथ ही पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक मतदाता चुनाव नतीजे तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
जाट लैंड की इन सीटों पर लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों की बात करें तो बीजेपी को यूपी में 2014 के मुकाबले 9 सीटों का नुकसान हुआ था और इनमें से भी अधिकतर सीटें पश्चिमी यूपी की थीं. पहले चरण की 8 सीटों के रिकॉर्ड को देखें तो 2019 में बीजेपी इनमें से केवल 8 सीटें ही जीत पाई थी. जो पीलीभीत, कैराना और मुजफ्फरनगर हैं. मुजफ्फरनगर सीट पर कड़ा मुकाबला हुआ था और बीजेपी को 6526 वोटों से जीत मिली थी. हालांकि पीलीभीत से वरुण गांधी ने 2 लाख 66 हजार वोट के अंतर से बड़ी जीत हासिल की थी.
यहां की रामपुर सीट अभी बीजेपी के पास है, लेकिन इस सीट पर पार्टी को उपचुनाव में जीत मिली थी. बहुजन समाज पार्टी को तीन सीटों- सहारनपुर, बिजनौर और नगीना में जीत मिली थी. वहीं समाजवादी पार्टी को मुरादाबाद और रामपुर सीट में जीत मिली थी. सपा-बसपा की 5 में से 2 सीटों पर जीत का अंतर 1 लाख के पार था.
इस बार के चुनाव में रालोद और बीजेपी के गठबंधन से तस्वीर बदल चुकी है. 2019 में सपा और बसपा के साथ जाट वोट बेस वाली जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी भी विपक्षी गठबंधन में शामिल थी. इस बार सपा का कांग्रेस से गठबंधन है, लेकिन जयंत की पार्टी बीजेपी के साथ हैं. बसपा ने किसी के साथ गठबंधन नहीं किया और चुनावी मैदान में है. अबकी बार गठबंधनों के चलते चुनावी गणित बदल गया है. अगर जयंत के साथ जाट वोट बीजेपी के साथ जाता है और बसपा अपना वोट बैंक बचाने में सफल रहती है तो सपा-कांग्रेस गठबंधन की राह मुश्किल हो सकती है.
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है. पहले चरण में यूपी की 8 सीटों के साथ ही तमिलनाडु की 39, बिहार की 4, मध्य प्रदेश की 6, राजस्थान की 12, उत्तराखंड और असम की 5-5 सीटों पर मतदान होगा. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की 3, अरुणाचल की 2 और छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, सिक्किम, जम्मू कश्मीर, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, पुडुचेरी की 1-1 सीट पर मतदान होगा. पहले चरण की कुल 102 में से 41 सीटें ऐसी हैं जहां से बीजेपी के सांसद हैं.