menu-icon
India Daily

निर्णायक दौर में पहुंची यूपी की जंग, पांचवे चरण में अमेठी, रायबरेली और लखनऊ के मतदान पर नजर

Lok Sabha Elections 5th Phase Voting: लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण का मतदान सोमवार को होना है जहां पर सभी की नजरें यूपी की निर्णायक जंग पर होगी. इस दौरान अमेठी, रायबरेली और लखनऊ की हॉट सीट पर भी वोटर्स उम्मीदवारों की किस्मत पर फैसला सुनाएंगे.

auth-image
Edited By: India Daily Live
UP Lok Sabha Elections 2024

Lok Sabha Elections 5th Phase Voting: सोमवार को पांचवें चरण में छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 49 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, ऐसे में फोकस उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण सियासी समर की 14 निर्वाचन सीटों पर है. मैदान में 144 उम्मीदवार हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (अमेठी) और राजनाथ सिंह (लखनऊ), और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (रायबरेली) जैसे दिग्गज शामिल हैं. 

प्रचार में बृजभूषण से दूर नजर आए मोदी-शाह-योगी

फैजाबाद, जो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सुर्खियों में आया क्योंकि अयोध्या इसके अंतर्गत आता है, वहां भी चुनाव होंगे और भाजपा के लल्लू सिंह लगातार तीसरी बार इस निर्वाचन क्षेत्र को बरकरार रखने का प्रयास करेंगे. 
जिन निर्वाचन क्षेत्रों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी उनमें कैसरगंज शामिल हैं, जहां भाजपा ने मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को हटा दिया है, जिन पर यौन उत्पीड़न के आरोप हैं, और रायबरेली, जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के राज्य सभा जाने के बाद मैदान में हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कैसरगंज नहीं जाने का फैसला किया तो जिन्होंने पड़ोसी निर्वाचन सीट अयोध्या में बड़े पैमाने पर प्रचार किया. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 मई को निर्वाचन क्षेत्र के पयागपुर क्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया था लेकिन इस रैली से बृजभूषण गायब थे. उनकी गैरमौजूदगी के अलावा योगी आदित्यनाथ के संबोधन में भी उनका कोई जिक्र नहीं मिला.

पांचवे चरण के प्रचार में सभी ने झोंकी पूरी ताकत

भाजपा और विपक्षी दल दोनों ने राज्य में आक्रामक रूप से प्रचार किया, मोदी ने एक दिन में चार रैलियां कीं, जबकि राहुल और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने पांचवें चरण के लिए प्रतिदिन कम से कम दो संयुक्त रैलियां कीं. इस बीच, ईरानी और राजनाथ के अलावा, तीन और केंद्रीय मंत्रियों - साध्वी निरंजन ज्योति (फतेहपुर), कौशल किशोर (मोहनलालगंज), और भानु प्रताप सिंह वर्मा (जालौन) का चुनावी भाग्य पांचवें चरण में तय होगा.

रायबरेली-अमेठी में भी झोंकी पूरी ताकत

14 मई को वाराणसी में अपना नामांकन दाखिल करने के बाद मोदी ने राज्य में अपना अभियान तेज कर दिया और तब से हमीरपुर, कौशांबी, फतेहपुर और बाराबंकी में रैलियों को संबोधित किया. विशेष रूप से, उन्होंने अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार नहीं किया, जहां शाह और आदित्यनाथ ने पार्टी के लिए किलेबंदी की थी. यहां यूपी के सीएम ने दो निर्वाचन क्षेत्रों में चार से अधिक रैलियों को संबोधित किया, वहीं शाह ने अमेठी में दो सार्वजनिक बैठकों और एक रोड शो में भाग लिया.

पिछले हफ्ते, रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों - एनडीए और इंडिया ब्लॉक - के साथ अपने हजारों समर्थकों को इकट्ठा करने के साथ चरम पर था. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर शुरू में यह अटकलें थीं कि वह रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी लेकिन उनके हटने के बावजूद वो 6 मई से इस सीट पर बनी हुई हैं. राहुल ने भी तीन बार रायबरेली का दौरा किया, जिसमें दो बार सोनिया के साथ भी शामिल थे. शुक्रवार को उनके साथ अखिलेश भी थे.

इस बीच, शुक्रवार को शाह ने पांच साल पहले राहुल को हराने वाली ईरानी को उनके और पार्टी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह के साथ रायबरेली में मंच साझा करने के लिए आमंत्रित किया. ब्राह्मण मतदाताओं को एकजुट करने के प्रयास में, उन्होंने सपा के तीन बार के रायबरेली विधायक मनोज पांडे को भी पार्टी में शामिल किया. फरवरी में, पांडे ने राज्यसभा चुनाव में मतदान से कुछ मिनट पहले सपा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया और बाद में क्रॉस वोटिंग की.

लखनऊ-फैजाबाद पर भी सभी की नजरें

अमेठी में, ईरानी का मुकाबला गांधी परिवार के लंबे समय के विश्वासपात्र केएल शर्मा से है, जिन्होंने 1984 से अमेठी और रायबरेली में परिवार के चुनाव अभियानों का प्रबंधन किया है. राम मंदिर अभिषेक के बाद फैजाबाद की सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बनकर उभरी है और यहां पर लल्लू सिंह का मुकाबला सपा के नौ बार के विधायक अवधेश प्रसाद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सच्चिदानंद पांडे से होगा. मोदी, शाह और आदित्यनाथ सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने वहां प्रचार किया है.

लखनऊ में सभी भाजपा विधायक और पदाधिकारी राजनाथ के लिए समर्थन जुटा रहे हैं, जिनका मुकाबला सपा के लखनऊ पूर्व विधायक रविदास मेहरोत्रा और बसपा के सरवर मलिक से होगा. 1991 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है, जब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार यहां से जीत हासिल की थी. फतेहपुर में निरंजन ज्योति को वरिष्ठ सपा नेता नरेश उत्तम पटेल से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कौशांबी और मोहनलालगंज सीटों पर भी सत्तारूढ़ दल को विपक्ष से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.