छात्रों का तनाव कम करने के लिए लखनऊ की IIIT कॉलेज ने आनोखा कदम उठाया है. इंजीनियरिंग कॉलेज भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ (IIIT-L) ने छात्रों को तनाव मुक्त रहने में मदद करने के लिए एक उच्च योग्य कथक शिक्षक को नियुक्त किया है. कॉलेज के निदेशक के अनुसार, डांस क्लास जिन्हें शुरू में एक प्रयोग के रूप में माना गया था, पर इसे छात्रों से काफी प्रतिक्रिया मिली है, जिनमें से कई इन सत्रों में नियमित रूप से शामिल हो गए हैं.
IIITs, जिन्हें IIT के बाद देश के प्रमुख संस्थानों में गिना जाता है. IIIT-L के निदेशक अरुण मोहन शेरी ने कहा कि ऐसे कई अध्ययन हैं जो साबित करते हैं कि संगीत और डांस मानसिक उपचारक हैं. हम चाहते हैं कि हमारे छात्र मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें. कथक को अक्सर ध्यान का एक रूप कहा जाता है जो तनाव को दूर करने और विश्राम को बढ़ावा देने में मदद करता है.
शेरी ने कहा कि हमें एक ऐसा डांस शिक्षक चाहिए था जो उभरते इंजीनियरों के मन को समझ सके. उन्होंने कहा कि हमने अंशिमा चौधरी को भर्ती किया, जिन्होंने भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय (लखनऊ) से कथक सीखने से पहले बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक किया था. वह वर्तमान में कथक में पीएचडी कर रही हैं. जूनियर रिसर्च फेलो चौधरी ने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने में कथक नृत्य की भूमिका पर शोध किया. वह आईआईआईटी-एल में शाम को दो घंटे के लिए कथक कक्षाएं लेती हैं, जब छात्र अपनी कक्षाएं समाप्त कर लेते हैं.
अंशिमा ने कहा कि शुरू में इंजीनियरिंग के लड़के इंट्रेस्ट नहीं ले रहे थे, लेकिन अब हर क्लास में करीब 15 लड़के और 40 लड़कियां आती हैं. इंजीनियरिंग के छात्र, जिनमें लड़के भी शामिल हैं. लयबद्ध पदचिह्न, सार्थक हस्त मुद्राएं और भावपूर्ण चेहरे के भाव मन और शरीर के बीच गहरा सामंजस्य बनाते हैं. कथक के साथ छात्रों को धैर्य सीखने, ध्यान केंद्रित करने और मानसिक स्पष्टता लाने में मदद करता है. देश के कई आईआईटी समय-समय पर छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं आयोजित करते हैं.