उत्तर प्रदेश के आगरा में शनिवार को करणी सेना और 40 से अधिक क्षत्रिय संगठनों ने ‘रक्त सम्मान सम्मेलन’ का आयोजन किया. इस दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन से राजपूत राजा राणा सांगा के बारे में की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग की गई. प्रदर्शनकारियों ने तलवारें लहराते हुए चेतावनी दी कि यदि सुमन ने माफी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सुमन की टिप्पणी और क्षत्रिय समुदाय का गुस्सा
21 मार्च को संसद में सुमन ने कहा था, "अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज मानकर गद्दार कहा जाता है, तो 16वीं सदी के राजपूत राजा राणा सांगा के वंशज भी वही हैं." उन्होंने दावा किया कि राणा सांगा ने दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मुगल सम्राट बाबर को भारत आमंत्रित किया था. इस बयान से राजपूत समुदाय में आक्रोश फैल गया, जिसमें अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना ने कड़ा विरोध जताया.
#WATCH | Agra, UP: Karni Sena holds 'Rakt Swabhiman Sammelan' on the occassion of the birth anniversary of Rana Sanga.
— ANI (@ANI) April 12, 2025
Rana Sanga, also known as Sangram Singh I, was the ruler of Mewar from 1508 to 1528 and is revered for his bravery and sacrifices. pic.twitter.com/pwTSVKCpoo
करणी सेना की चेतावनी
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने कहा, "सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. यदि सांसद रामजी लाल सुमन अपनी टिप्पणी के लिए जल्द माफी नहीं मांगते, तो भाग लेने वाले क्षत्रिय संगठन कार्रवाई की रणनीति बनाएंगे." सुमन के इस बयान के बाद करणी सेना और अन्य संगठनों से हिंसा की धमकियां मिलने पर उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुरक्षा की मांग की. 26 मार्च को कथित तौर पर करणी सेना के सदस्यों ने सुमन के आवास पर हमला किया था.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राणा सांगा की जयंती पर आयोजित इस सम्मेलन में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे, जिनमें से कई के पास बंदूकें और तलवारें थीं. सुमन के घर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई. आगरा में 24 चेकपॉइंट्स पर पुलिस तैनात की गई, और मेरठ, झांसी व मैनपुरी में भी पुलिस बल बढ़ाया गया. बैरिकेड्स लगाए गए और सोशल मीडिया पर सम्मेलन से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी की जा रही है.