Mukhtar Ansari: बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर न्यायिक जांच के आदेश दिये गए है. इस मामले की जांच अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/ एमएलए कोर्ट) गरिमा सिंह करेगी. बांदा कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भगवान दास गुप्ता ने गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. इस मामले में गरिमा सिंह से एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गई है.
जांच के आदेश का उद्देश्य मुख्तार अंसारी के मौत की जांच में पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया का पालन करना है. मुख्तार अंसारी के परिवार ने दावा किया था कि बांदा जेल में उन्हें जहर दिया गया था, जिससे अंततः उनकी मौत हो गई. अंसारी की गुरुवार को रानी दरगावती मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जहां उन्हें जेल में बेहोश पाए जाने के बाद ले जाया गया था.
मुख्तार के बेटे उमर का बड़ा आरोप
मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उल्टी की शिकायत के बाद अंसारी को गुरुवार रात मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. उनके बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि उनके पिता को 19 मार्च की रात जहर मिला हुआ खाना परोसा गया और उन्होंने दो दिन पहले जेल में अपने पिता से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया.
अंसारी का पोस्टमार्टम बांदा में उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कानपुर और प्रयागराज के डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किया गया. सुपुर्द ए खाक गाजीपुर जिले के कालीबाग कब्रिस्तान में होगा. मऊ-सदर से पांच बार विधायक रहा मुख्तार अंसारी 2005 से यूपी और पंजाब की जेलों में बंद था और उसके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे.