UP Politics: क्या पल्लवी-मौर्य और शेरवानी ने अखिलेश के PDA की नीकाली हवा, कितना कारगर होगा यह फॉर्मूला?

Saleem Iqbal Shervani: समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब सलीम शेरवानी ने भी राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. सलीम शेरवानी ने अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर राज्यसभा में किसी मुसलमान को प्रत्याशी न बनाने पर नाराजगी जताते हुए PDA फॉर्मूले पर सवाल उठाया है.

India Daily Live

Saleem Iqbal Shervani News: 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी चुनावी अभियान में जुटी हुई है तो वहीं सपा को एक के बाद एक करारा झटका लग रहा है. यूपी में राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए गले की फांस बन चुका है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब सपा के बड़े मुस्लिम चेहरा सलीम शेरवानी ने भी राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. सलीम शेरवानी ने अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर राज्यसभा में किसी मुसलमान को उम्मीदवार न बनाये जाने पर नराजगी का इजहार किया है. चर्चा है कि सलीम शेरवानी एक बार फिर घर वापसी करते हुए कांग्रेस का दामन थाम सकते है.

दरअसल अखिलेश यादव सार्वजनिक मंचों से PDA फॉर्मूले को जोर-शोर से उठाते रहे है. जिसमें पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक को पार्टी से जोड़ते हुए 2024 का रण फतह करने का प्लान तैयार किया है. आमतौर पर माय समीकरण यानी कि मुस्लिम और यादव के लिए जानी जाने वाली सपा अब गैर यादव ओबीसी और दलितों में पैठ बनाने की भी कोशिश के तहत पीडीए फॉर्मूला को 2024 के लोकसभा चुनाव में आजमाना चाहती है. बीते कुछ चुनावों में यह देखने को मिला है कि जाटव वोट बैंक में BJP ने रणनीति के तहत बड़ी सेंधमारी की है. ओबीसी-दलित मतदाताओं पर BJP की मजबूत होती पकड़ सपा के भविष्य की सियायत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनती जा रही है. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पीडीए को आधार बनाकर इस्तीफे देने वाले नेताओं ने सपा की टेंशन बढ़ा दी है.

सपा नेता सलीम शेरवानी का गंभीर आरोप 

दरअसल इन दोनों नेताओं ने अपने इस्तीफे में अपने-अपने समाज की अनदेखी का आरोप लगाया है. सलीम शेरवानी की गिनती पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती है, ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा थी लेकिन सपा ने जया बच्चन समेत तीन नेताओं को राज्यसभा भेजे जाने का फैसला किया. अखिलेश पर मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सलीम शेरवानी ने कहा कि मैंने हमेशा यह बताने का प्रयास किया है कि मुसलमान उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. पार्टी के साथ उनकी दूरी लगातार बढ़ रही है. मुसलमानों को एक सच्चे रहनुमा की तलाश है. अभी हाल ही में राज्यसभा चुनाव के लिए तीन उम्मीदवार सपा ने घोषित किए, इसमें एक भी मुस्लिम नहीं है. राज्यसभा में उम्मीदवारों की लिस्ट को देखकर लगता है कि सपा में पीडीए को कोई महत्व नहीं है. वहीं  कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने पीडीए को लेकर सपा पर धोखे का आरोप लगाया था.