Sambhal Mosque Survey: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई. इसके बाद जिला प्रशासन ने संभल तहसील में इंटरनेट सेवा को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया और स्कूलों को भी बंद कर दिया. यह हिंसा उस समय हुई जब शाही जामा मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ था, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने सुरक्षा कर्मियों पर पत्थरबाजी की. इस हिंसा की जांच के लिए एक मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया गया है.
10 पॉइंट में समझें घटना का पूरा अपडेट:
1. इंटरनेट सेवा बंद
संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र पेंशिया ने संभल तहसील में इंटरनेट सेवा को 24 घंटे के लिए बंद करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा, 'यह आदेश संभल तहसील क्षेत्र में प्रभावी रहेगा और स्थिति का आकलन करने के बाद अगले दिन (सोमवार) आगे की कार्रवाई की जाएगी.'
2. क्यों भड़की हिंसा
हिंसा की शुरुआत तब हुई जब एक टीम शाही जामा मस्जिद पर सर्वे करने पहुंची. कुछ स्थानीय लोगों ने सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया और पुलिस पर पत्थर फेंके. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
Bloody violence in Sambhal, vehicles set on fire, two Muslim youths killed, situation tense, Howrah area turned into a cantonment.#SambhalJamaMasjid #Sambhal #UPPOlice #UttarPradesh pic.twitter.com/DVJlGe5oEn
— Roznama Khabrein (@RoznamaKhabrein) November 24, 2024
3. तीन लोगों की मौत
अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. मृतकों की पहचान नसीम, बिलाल और नौमान के रूप में हुई है. इसके अलावा लगभग दो दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं.
4. घायल पुलिसकर्मी और अधिकारियों की संख्या
इस हिंसा में चार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, 20 पुलिसकर्मी और एक उपकलेक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. पुलिस के एक पीआरओ को गोली लगने की जानकारी भी मिली है.
5. क्यों कराया गया सर्वे
शाही जामा मस्जिद का सर्वे एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था, जो सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका के आधार पर किया जा रहा था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी.
6. पुलिस की ओर से सुरक्षा उपाय
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण बिष्णोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सर्वे के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए थे. उन्होंने कहा, 'हमने DM के पत्र के अनुसार अपनी बलों को तैनात किया था, और यदि किसी समुदाय में अचानक कोई गतिविधि होती है और लोग इकट्ठा होते हैं, तो यह सुरक्षा या खुफिया विफलता नहीं होती.'
7. सर्वे की शुरुआत और पत्थरबाजी
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सर्वे शांति से शुरू हुआ था, लेकिन जैसे ही एक समूह ने पुलिस और सर्वे टीम पर पत्थर फेंके, स्थिति बिगड़ गई. फिर 2000-3000 लोगों की एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई और पत्थरबाजी की.
8. प्रदर्शनकारियों द्वारा वाहन जलाए गए
हिंसक भीड़ ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर भी पत्थर फेंके. जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया. 15 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं.
9. समाजवादी पार्टी का आरोप
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हिंसा के लिए भाजपा और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रशासन ने इस हिंसा को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया ताकि चुनावी धोखाधड़ी से ध्यान हटाया जा सके.
10. अगली सुनवाई की तारीख
सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि इस मस्जिद के सर्वे के लिए अदालत ने एक 'अधिवक्ता आयोग' गठित किया था. अदालत ने आयोग को वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी के साथ सर्वे करने का आदेश दिया है और रिपोर्ट 29 नवंबर तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है.