नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक दंपति के फ्लैट पर छापा मारकर एक गैरकानूनी पोर्न रैकेट (Porn Racket) का पर्दाफाश किया है. इस मामले में मुख्य आरोपी उज्ज्वल किशोर (Ujjwal Kishore) और उनकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव (Neelu Shrivastava) हैं, जिन्हें अपने घर में ही मॉडल्स के साथ अश्लील वीडियो (Porn Videos) बनाने और उसे विदेशी कंपनी को बेचने के आरोप में पकड़ा गया.
घर में चल रहा था एडल्ट वेबकैम स्टूडियो
जांच के दौरान ED को पता चला कि यह दंपति अपने फ्लैट को एक एडल्ट वेबकैम स्टूडियो (Adult Webcam Studio) की तरह इस्तेमाल कर रहा था. यहां मॉडल्स (Models) को बुलाकर लाइव स्ट्रीमिंग और पॉर्न वीडियो शूटिंग की जाती थी. यह पूरा ऑपरेशन बेहद गोपनीय तरीके से चलाया जा रहा था, जिसे बाहर से कोई सामान्य व्यक्ति भनक तक नहीं लगा सकता था. छापेमारी के समय कई मॉडल्स मौके पर मौजूद थीं, जिनके बयान भी दर्ज किए गए.
नोएडा में उज्ज्वल किशोर और पत्नी नीलू श्रीवास्तव अपने फ्लैट में मॉडल्स लड़कियों से पोर्न Video शूट करवा रहे थे। ED ने छापा मार दिया। पता चला कि वो आइसलैंड कंट्री साइप्रस की एक कंपनी के लिए काम करते थे। 75% पैसा कपल्स खुद और 25% मॉडल्स को देते थे।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) March 29, 2025
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साइप्रस की कंपनी से जुड़ा कनेक्शन
ED की जांच में सामने आया कि यह कपल साइप्रस (Cyprus) देश की एक कंपनी के लिए काम कर रहा था. यह कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पोर्न वेबसाइट्स (Porn Websites) जैसे XHamster और Stripchat को संचालित करती है. उज्ज्वल और नीलू कथित तौर पर इन प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट तैयार करते थे और इसके बदले मोटी रकम वसूलते थे. कमाई का 75% हिस्सा यह दंपति अपने पास रखता था, जबकि बाकी 25% मॉडल्स के बीच बांट दिया जाता था.
15.66 करोड़ की अवैध फंडिंग का खुलासा
इस रैकेट की सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह रही कि इस दंपति की कंपनी Subdigi Ventures Private Limited के बैंक खातों में 15.66 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी फंडिंग (Illegal Foreign Funding) का पता चला. ED ने पाया कि यह पैसा विदेश से गलत तरीके से हासिल किया गया था. कपल ने बैंकों को गलत जानकारी देकर इन फंड्स को विज्ञापन (Advertising), मार्केट रिसर्च (Market Research), और पब्लिक ओपिनियन पोलिंग (Public Opinion Polling) के नाम पर ट्रांसफर करवाया था. छापे के दौरान 8 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए.
कैसे काम करता था यह रैकेट?
यह दंपति सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए मॉडल्स को भर्ती करता था. उन्हें कथित तौर पर अच्छी कमाई और आसान काम का लालच दिया जाता था. इसके बाद उनके फ्लैट में हाई-टेक उपकरणों (High-Tech Equipment) की मदद से लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती थी. यह पूरा सेटअप इतना प्रोफेशनल था कि इसे देखकर किसी को शक भी नहीं हो सकता था कि यह एक सामान्य घर है.
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
ED ने इस मामले को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है. इस रैकेट के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं. जांच एजेंसी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस अवैध धंधे से कितने और लोगों ने लाभ उठाया और कितना पैसा देश से बाहर भेजा गया.