उत्तर प्रदेश से संभल में हुई हिंसा पर आज हम एक ऐसा खुलासा करने जा रहे हैं जिसे जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी, यहां हम आपको यह भी बताएंगे कि कैसे देश में किसी भी घटना को दंगे का रूप किया जाता है और कैसे धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाता है. आज हम आपको उस वजू खाने का सच भी बताएंगे जिसको लेकर दंगा भड़का था. कैसे देखते ही देखते मस्जिद के बाहर मात्र डेढ़ घंटे में 60000 लोग इकट्ठा हो गए और इनकी प्लानिंग क्या थी? इसकी एक-एक सच्चाई इंडिया डेली के खुफिए कैमरे में कैद है. चलिए शुरूआत करते हैं ऑपरेशन संभल की.
जिस मस्जिद से सामने यह दंगा भड़का था वह थी संभल की जामा मस्जिद. इंडिया डेली की अंडर कवर टीम के सामने मस्जिद के केयरटेकर ने सारे राज खोल दिए. मस्जिद के केयरटेकर ने बताया कि सुबह साढ़े दस बजे तक मस्जिद के सामने 5 से 6 हजार लोग थे लेकिन देखते ही देखते साढ़े ग्यारह-बारह बजे थे वहां 50 से 60 हजार लोग इकट्ठा हो गए. आप खुद सोचिए कि आखिर एक घंटे के अंदर वहां 50 से 60 हजार लोग कैसे इकट्ठा हुए? आखिर किसने ये अफवाह फैलाई की मस्जिद में खुदाई की जा रही है? जबकि सच ये है मस्जिद के वजू खाने के पानी को पाइप से निकालकर उसका सर्वे किया जा रहा था.
कोई बेगुनाह नहीं मरा
स्टिंग ऑपरेशन कर रही हमारी टीम को केयरटेकर ने बताया कि इस दंगे के लिए जिन लोगों पर भी केस दर्ज हुआ है वे सभी इस दंगे में मौजूद थे. किसी भी बेगुनाह को नहीं फंसाया गया. सभी मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कहा कि जो भी मारे गए वो भी बेगुनाह नहीं थे, उन्होंने पत्थरबाजी की थी.
मस्जिद की खुदाई की फैली थी अफवाह
यह पूछे जाने पर कि वजू खाने में पानी कितना था? इस सवाल पर केयरटेकर ने कहा कि दो तीन फीट होगा. वजू खाने से पानी किसने निकलवाया? इस पर केयरटेकर ने कहा कि पानी को एसडीएम ने निकलवाया था. केयरटेकर ने बताया कि मस्जिद ऊंचाई पर है और वजू खाने से मोटर से पानी निकाला गया था, जैसे ही पानी मस्जिद की सीढ़ियों से नीचे बहने लगा बाहर खड़ी भीड़ ने समझा कि मस्जिद की खुदाई हो रही है और फिर दंगा भड़क गया.
संभल में इंडिया डेली की अंडरकवर टीम...खुफिया कैमरे में कैद संभल का सच
— India Daily Live (@IndiaDLive) December 19, 2024
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पूरी गलती मस्जिद कमेटी की थी
अब यहां सवाल ये उठता कि जब जब लोगों को ये लगने लगा कि मस्जिद के अंदर खुदाई चल रही है तो मस्जिद कमेटी के लोगों ने सच्चाई क्यों नहीं बताई? सवाल ये भी है कि मस्जिद कमेटी के लोगों ने ये झूठ क्यों बोला कि उन्हें सर्वे का कोई नोटिस नहीं मिला है.
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इन सवालों पर केयर टेकर ने कहा कि पूरी गलती मस्जिद कमेटी की थी. कमेटी को लोगों को बताना चाहिए था कि उन्हें नोटिस मिला है और अंदर सर्वे चल रहा है. अगर वे समय पर सच्चाई बता देते तो ये सब नहीं होता. उन्होंने यह भी कहा कि इस सर्वे की टाइमिंग में भी गलती रही, इतनी सुबह सर्वे नहीं होना चाहिए था.
कमेटी वालों की मेन गलती क्या थी
मस्जिद के केयर टेकर ने इस सवाल पर कहा कि कमेटी वालों की मेन गलती यह थी कि वो इस बात का ऐलान करा देते कि भाइयो सुबह मस्जिद के फोटो होने हैं किसी की अफवाह में मत आना हम इसकी वीडियोग्राफी करेंगे. वे थोड़ा झूठ बोल देते कि ये सर्वे हमारी तरफ से होना है.
हर मुसलमान के पास मोबाइल है, क्यों नहीं बताया
जामा मस्जिद से मात्र 700 मीटर दूर स्थित लदानिया मस्जिद के केयर टेकर ने भी जामा मस्जिद की कमेटी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मोबाइल का जमाना है. अगर जामा मस्जिद के सदस्य चाहते तो नोटिस मिलने के बाद रात को ही सर्वे को लेकर सब को सूचित कर सकते थे.
काम है नहीं मुसलमान के पास
जामा मस्जिद के केयर टेकर ने इस दंगे को लेकर कहा कि मुसलमान के पास कोई काम है नहीं. वो बस मोबाइल चला रहा है और खा रहा है. अपने मां-बाप का खा रहा है. अपने भाई का खा रहा है. उन्होंने एक और चौंकाने वाली बात कही. उन्होंने कहा कि दंगे में शामिल सारे मुसलमान गरीब लोग थे कोई अमीर तो यहां झांकने भी नहीं आया.