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हनुमान जयंती के दिन बाथरूम के लिए हो रही थी गड्ढे की खुदाई तभी निकली बजरंगबली की प्राचीन मूर्ति, जुटी भक्तों की भीड़

Hanuman Jayanti: हनुमान जी की मूर्ति का मिलना न केवल एक चमत्कार था, बल्कि यह पूरे गांव के लिए एक धार्मिक संकेत भी बन गया. अब, यह स्थल एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनने जा रहा है, जहां भक्तजन आकर हनुमान जी की पूजा करेंगे. गांव के लोग इसे भगवान बजरंगबली का आशीर्वाद मान रहे हैं और यहां एक बड़े मंदिर की योजना बना रहे हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
hanuman jayanti 2025 pit was being dug for bathroom an ancient idol of Hanuman ji was found in Sulta
Courtesy: Social Media

Hanuman Jayanti: हनुमान जयंती के दिन उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के फूलपुर गांव में एक अद्भुत और चमत्कारी घटना घटी, जिसने पूरे क्षेत्र को धार्मिक उल्लास से भर दिया. यहां एक व्यक्ति के घर में बाथरूम के लिए गुड्डे की खुदाई की जा रही थी तभी अचानक उस गुड्डे से हनुमान जी की प्राचीन मूर्ति निकली. 

यह घटना उस समय हुई, जब सुरेश पांडे के घर पर बाथरूम के लिए गड्डा खोदने का काम चल रहा था. उसी दौरान एक जोरदार आवाज आई, जैसे कुछ ठोस वस्तु से टकरा रहे हों. जब खुदाई की गई, तो वहां से एक प्राचीन हनुमान जी की मूर्ति निकली, जो लगभग पांच फीट लंबी और बालू पत्थर से बनी हुई थी.

हनुमान जयंती पर मिला चमत्कारी संकेत

यह चमत्कारी घटना हनुमान जयंती के दिन घटी, जो कि एक विशेष धार्मिक अवसर था. जैसे ही हनुमान जी की मूर्ति की खोज की गई, यह खबर पूरे गांव में फैल गई. श्रद्धालुओं और ग्रामीणों का जमावड़ा शुरू हो गया और सभी इस मूर्ति के दर्शन के लिए पहुंचने लगे. "जय श्रीराम" और "बजरंगबली की जय" के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा, और मानो पूरी घटना को दिव्य आशीर्वाद माना गया.

पुलिस और बजरंग दल के लोग पहुंचे घटनास्थल पर

इस अद्भुत घटना को लेकर क्षेत्रीय पुलिस और धार्मिक संगठन भी सक्रिय हो गए. कुरेभर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी शार्देंदु दुबे अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. साथ ही बजरंग दल के गौरव पांडे और प्रांजल सिंह भी वहां पहुंचे और इसे "विश्वास का चमत्कारी संकेत" बताया.

सुरेश पांडे का भावुक फैसला

मूर्ति की खोज के बाद सुरेश पांडे, जिनके घर पर यह चमत्कारी घटना हुई, बहुत ही भावुक हो गए. उन्होंने घोषणा की कि अब यहां हनुमान जी का भव्य मंदिर बनाएंगे, ताकि मूर्ति की पूजा सही तरीके से की जा सके. यह निर्णय क्षेत्र के लोगों के बीच एक नई उम्मीद और श्रद्धा का कारण बना. स्थानीय लोग, जैसे कि काली प्रसाद पांडे, अरुण दुबे, अजीत शुक्ला, नितिन मिश्रा, प्रकाश पांडे, और सर्वेश, भी इस अद्भुत घटना को देखकर भावुक हो गए और मंदिर निर्माण में सहायता का वादा किया.