Gyanvapi Judge Death Threats: ज्ञानवापी पर जिस जज ने फैसला सुनाया था, अब उस जज को विदेशों से धमकियां मिल रहीं हैं. जज का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय नंबरों से उनके मोबाइल पर धमकी भरे कॉल्स आ रहे हैं. दरअसल, एडिशनल सेशल जज रवि कुमार दिवाकर ने ये दावा किया है. उन्होंने 2022 में ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया था. उन्होंने पुलिस से धमकी भरे कॉल्स की जांच का अनुरोध किया है.
एडिशनल सेशन जज रवि कुमार दिवाकर ने उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय नंबरों से दुर्भावनापूर्ण कॉल और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिवाकर ने इस हफ्ते एसएसपी सुशील चंद्रभान घुले को एक पत्र लिखकर कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है.
इससे पहले, ज्ञानवापी फैसले के बाद जज की ओर से इसी तरह की चिंताएं उठाए जाने के बाद, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके और उनके परिवार के लिए वाई-कैटेगरी की सुरक्षा को मंजूरी दे दी थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर एक्स-श्रेणी कर दिया गया था.
दिवाकर की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था में दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. TOI की रिपोर्ट के अनुसार, उनके एक सहयोगी ने बताया कि ये सुरक्षा अपर्याप्त है, क्योंकि दोनों कर्मियों के पास ऑटोमैटिक बंदूकों और आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए हथियारों की कमी है.
2022 में जजमेंट के दौरान दिवाकर ने कहा था कि इस सिविल केस को असाधारण केस बनाकर डर का माहौल बनाया गया. डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं. उन्होंने कहा था कि जब मैं घर से बाहर होता हूं तो मेरी पत्नी को मेरी चिंता रहती है.
पिछले साल दिवाकर के लखनऊ स्थित घर के पास से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया था. उस समय, शाहजहांपुर के एसएसपी अशोक कुमार मीणा ने जज दिवाकर के भाई के घर की सुरक्षा के लिए एक गनर नियुक्त किया था. जज दिवाकर के भाई एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज हैं.