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'ऑफिस के टॉक्सिक माहौल से डिप्रेशन में थे पति',जीएसटी विभाग के अधिकारी की आत्महत्या पर पति का सनसनीखेज खुलासा!

GST Deputy Commissione Suicide: उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 75 में स्थित अपने निवास पर जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर ने आत्महत्या कर ली. संजय सिंह की पत्नी ने इस घटना के लिए ऑफिस के प्रेशर को जिम्मेदार ठहराया है.

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Edited By: Shanu Sharma
GST Deputy Commissione Suicide
Courtesy: Social Media

GST Deputy Commissione Suicide: उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 75 में एक दुखद घटना घटी है. जिसमें बताया जा रहा है कि जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह ने अपने अपार्टमेंट की 15वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. परिवार वालों का कहना है कि वो ऑफिस के दबाव के कारण काफी परेशान रहते थे और उसी से हार मानकर उन्होंने यह कदम उठाया है. 

नोएडा की यह घटना सुबह करीब 11 बजे एपेक्स एथेना सोसाइटी में हुई. सिंह गाजियाबाद में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग में तैनात थे. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 59 वर्षीय सिंह कैंसर से पीड़ित थे और डिप्रेशन से भी जूझ रहे थे, जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या की होगी. हालांकि मामले की जांच की जा रही है.

कैंसर और डिप्रेशन से थे परेशान

गाजियाबाद के जीएसटी एडिशनल कमिश्नर एमपी सिंह ने कहा कि उन्हें पांच साल पहले प्रोस्टेट कैंसर का पता चला था. कैंसर अपने अंतिम चरण में था, जिसके कारण वो काफी डिप्रेश थे. हालांकि संजय सिंह की पत्नी ने इन दावों का दृढ़ता से खंडन किया और इसके बजाय कार्यस्थल पर तनाव को उनकी मौत का असली कारण बताया. संजय सिंह की पत्नी से जब इस अफवाह के बारे में पूछा गया कि संजय सिंह कैंसर से जूझ रहे थे? तो उनकी पत्नी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने अपने पति को सर्वाइवर बताते हुए कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि वह इससे जूझ रहे थे. उन्होंने न केवल अपना ख्याल रखा, बल्कि अपने कई करीबी लोगों को भी इसका इलाज करवाने में मदद की. हम यह नहीं कह सकते कि उनका कैंसर जानलेवा था. पहले दिन से ही यह कहा गया था कि यह जानलेवा नहीं है.

पत्नी ने ऑफिस के माहौल पर लगाया आरोप

डिप्टी कमिश्नर की पत्नी ने सिंह की पत्नी ने उनके काम के मानसिक तनाव पर जोर देते हुए टॉक्सिक माहौल का जिक्र किया. सिंह राजेंद्र नगर सेक्टर 2 गाजियाबाद में जीएसटी कार्यालय में तैनात थे. जहां वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई किए जाने वाले मामलों की देखरेख करते थे. पूरे परिवार का कहना है कि वह कार्यालय से अत्यधिक मानसिक दबाव में थे. शायद विभाग के लोग इसे समझेंगे. मानसिक दबाव अत्यधिक था. हालांकि कुछ रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि वो कैंसर से काफी पहले ठीक हो चुके थे.