उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने सोमवार (3 फरवरी) को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने और उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है. दरअसल, यह कदम आकाश आनंद के अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में बने रहने के कारण उठाया गया, जिसे पार्टी के लिए उपयुक्त नहीं माना गया है.
आकाश आनंद की प्रतिक्रिया पर पार्टी की टिप्पणी
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक पोस्ट की. जिसमें उन्होंने कहा कि, बहुजन समाज पार्टी ने ये साफ कर दिया है कि आकाश आनंद को उनकी लम्बी और विस्तृत प्रतिक्रिया में कोई पछतावा या राजनीतिक परिपक्वता नहीं दिखी, बल्कि उनकी प्रतिक्रिया उनके ससुर के प्रभाव से प्रेरित और स्वार्थी, अहंकारी तथा गैर-मिशनरी थी. ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने यह भी कहा कि ऐसे रवैये से पार्टी की परम्पराओं और मूल्यों को नुकसान हो सकता है.
1. बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल श्री आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025
सास-बहू की राजनीति और पार्टी के सिद्धांत
बीएसपी ने यह बयान जारी करते हुए कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान आंदोलन तथा मान्यवर कांशीराम जी की अनुशासन की परम्परा के अनुसार, आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित किया जाता है. इस निर्णय को पार्टी के मूल सिद्धांतों और आंदोलन के हित में लिया गया है, ताकि किसी भी तरह की पार्टी की विचारधारा और स्वाभिमान से समझौता न हो.
2. लेकिन इसके विपरीत श्री आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूँ।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025
BSP का आकाश आनंद को साफ संदेश
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी के अंदर कोई भी व्यक्ति अगर पार्टी और आंदोलन के सिद्धांतों से भटकता है या पार्टी की एकता और दिशा को कमजोर करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह कदम उन लोगों के लिए एक संदेश है जो पार्टी की ताकत और एकता को कमजोर करने का प्रयास करते हैं.
3. अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए श्री आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के हित, में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025