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India Daily

मालिकाना हक के लिए संघर्ष कर रहे फ्लैट खरीददार, नोएडा में जमकर हुआ हंगामा

नोएडा में फ्लैट खरीदार लंबे समय से कब्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. शनिवार को मालिकाना हक के लिए संघर्ष कर रहे फ्लैट खरीदारों ने बिल्डरों और प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान सड़को पर हंगामा भी किया.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
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Reported By: Santosh Pathak
Noida
Courtesy: India Daily

Noida: नोएडा में फ्लैट खरीदारों को फ्लैट के मालिकाना हक के लिए लंबे समय से संघर्ष करना पड़ रहा है. इस मुद्दे को लेकर 50 से अधिक सोसायटी के खरीदारों ने शनिवार को मैराथन मीटिंग की जिसमें नोएडा की सोसाइटियों के समर्थन के साथ कार रैली निकालने निर्णय लिया गया है. यह रैली सेक्टर 75 से डीएम आवास तक 10 बजे निकाली जानी थी, लेकिन पुलिस ने धारा 163  लागू होने की वजह से परमिशन नहीं दी. परमिशन न मिलने से नाराज फ्लैट खरीदारों ने बिल्डरों और प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी की सड़क पर आकर हंगामा करते दिखे, जिसके बाद भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है.  
 

सेक्टर 76 स्काई टेक सोसायटी के बाहर जमकर नारेबाजी और हंगामा कर रहे प्रदर्शनकारी विभिन्न सोसायटी के खरीदार हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपने फ्लैट के लिए पूरा पैसा जमा कर दिया है, लेकिन उन्हें अभी तक मालिकाना हक नहीं मिला है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिल्डर और प्राधिकरण के बीच की दुश्मनी के कारण उन्हें अपने हक से वंचित किया जा रहा है.

मांगा जा रहा पैसा

खरीदारों का कहना है कि,  सबको पता है की रजिस्ट्री चालू हो गई है लेकिन हमारी रजिस्ट्री नहीं हो रही है.  कहीं पर बिल्डर अथॉरिटी पैसे नहीं दे रहा है इस कारण से रजिस्ट्री नहीं हो रही है.  कई सोसाइटी में बिल्डर हजार रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से पैसे मांग रहा है कि हमें अथॉरिटी कार्ड ड्यू चुकाना है जो की गलत है.  इस संबंध में अथॉरिटी का कहना है कि उसका कोई लेना-देना नहीं है.

फ्लैट में मालिकाना हक को लेकर अक्सर विवाद चलता रहता है. लखनऊ में भी इस तरह के मामले कई बार सामने आ चुके हैं. बिल्डर लोगों से एडवांस के नाम पर एक फ्लैट को कई लोगों के नाम बुक करके कागज दे देते हैं. बाद में फ्लैट कम पड़ जाते हैं. इस दौरान उनको इंतजार करने के लिए कहा जाता है. वहीं सरकारी बिल्डिंग में अधिकारी बैगर पैसा लिए फ्लैट ट्रांसफर नहीं करते हैं. ऐसे में खरीदारों को कई बार लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ती है.