उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने फिरोजाबाद की एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करने वाले एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. इस कर्मचारी पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए संवेदनशील और गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था. यह सब उसने एक हनी ट्रैप में फंसकर किया. गिरफ्तार हुए व्यक्ति का नाम रविंद्र कुमार है. यह खुलासा शुक्रवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया.
ATS की कार्रवाई और पूछताछ
UP–ATS ने आगरा से ISI एजेंट रविन्द्र कुमार को पकड़ा। ये पिछले 9 साल से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री फिरोजाबाद में काम करता है। रविन्द्र फेसबुक के जरिए नेहा शर्मा नाम की लड़की के कॉन्टेक्ट में आया और पैसे की चाहत में गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान को भेजने लगा। pic.twitter.com/kC6wzYDi6t
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) March 14, 2025
हनी ट्रैप का जाल
ADG चौधरी ने कहा कि ISI का यह मॉड्यूल लंबे समय से सक्रिय है. वे लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे जानकारी हासिल करते हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. रविंद्र के मामले में भी यही हुआ. पूछताछ में पता चला कि वह समय-समय पर अपनी हैंडलर को जानकारी देता था. इसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की दैनिक उत्पादन रिपोर्ट, स्टोर की प्राप्ति, गोपनीय दस्तावेज, आने वाले स्टॉक की सूची और मांग पत्र जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल थीं. ये सभी सूचनाएं देश की रक्षा से जुड़ी थीं, जिनका गलत हाथों में जाना राष्ट्र की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता था.
सुरक्षा में सेंध का खतरा
इस घटना ने एक बार फिर संवेदनशील संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. ADG चौधरी ने सभी महत्वपूर्ण संस्थानों से अपील की कि वे अपने कर्मचारियों पर न्यूनतम सुरक्षा जांच सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा, "मैं सभी संवेदनशील संस्थानों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं और मानक संचालन प्रणाली (SOP) को अपडेट करें. हमारे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के अधिकारियों को अपने कर्मचारियों पर निगरानी रखनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें." उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है.
राष्ट्र के लिए सबक
रविंद्र कुमार की गिरफ्तारी देश के लिए एक चेतावनी है. यह घटना दर्शाती है कि दुश्मन देश की खुफिया एजेंसियां किस तरह आम लोगों को अपने जाल में फंसाकर राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की कोशिश करती हैं. हनी ट्रैप जैसे हथकंडों से वे संवेदनशील जानकारी हासिल करने में सफल हो जाते हैं. इस मामले से यह भी साफ होता है कि संवेदनशील जगहों पर काम करने वाले कर्मचारियों की निगरानी और जागरूकता कितनी जरूरी है. ATS की इस कार्रवाई से एक बड़े खतरे को टाला जा सका, लेकिन यह सवाल अभी भी बाकी है कि ऐसी घटनाओं को पूरी तरह कैसे रोका जाए.