उत्तर प्रदेश के मेरठ में 31 मार्च को ईद की नमाज के दौरान ईदगाह के बाहर कुछ पोस्टरों ने माहौल को गरमा दिया. इन पोस्टरों के जरिए विवादास्पद सवाल उठाए गए और मांगें रखी गईं, जिसे पुलिस ने शांति भंग करने की कोशिश माना. इसके बाद गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
ईद की नमाज के मौके पर ईदगाह के बाहर लगाए गए पोस्टरों में से एक पर हिंदू त्योहारों का जिक्र करते हुए सवाल उठाया गया था, "हिंदुओं के त्योहारों को इंगित करके सवाल पूछा गया था कि मुसलमान की नमाज सड़क पर क्यों नहीं?" इस पोस्टर को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी फैल गई. पुलिस का कहना है कि यह सवाल जानबूझकर माहौल बिगाड़ने और समुदायों के बीच तनाव पैदा करने के इरादे से लिखा गया था.
#मेरठ में 31 मार्च को ईद की नमाज हुई और ईदगाह के बाहर कुछ पोस्टर दिखाए गए
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) April 2, 2025
इनमें से एक पोस्टर पर हिंदुओं के त्योहारों को इंगित करके सवाल पूछा गया था कि मुसलमान की नमाज सड़क पर क्यों नहीं?
एक दूसरे पोस्टर में कुछ फिलिस्तीन समर्थक मुसलमानों ने फिलिस्तीन के आजाद कराए जाने की मांग… pic.twitter.com/scExpcQptx
फिलिस्तीन समर्थन में मांग
दूसरे पोस्टर में कुछ फिलिस्तीन समर्थक मुसलमानों ने अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को उठाया. इस पोस्टर में लिखा था कि "फिलिस्तीन के आजाद कराए जाए."
पुलिस की सख्त कार्रवाई
पुलिस ने इन पोस्टरों को गंभीरता से लिया और इसे ईदगाह के दौरान शांति भंग करने की साजिश करार दिया. अधिकारियों का मानना है कि यह कृत्य लोगों को उकसाने और माहौल खराब करने की कोशिश थी. इसके चलते पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है. जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि इन पोस्टरों के पीछे कौन जिम्मेदार है और इसका मकसद क्या था?
स्थानीय माहौल पर नजर
ईद की नमाज के बाद इस घटना ने मेरठ में तनाव की स्थिति पैदा कर दी. पुलिस और प्रशासन अब हालात पर कड़ी नजर रख रहे हैं. लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है, ताकि इस विवाद का असर सामाजिक सौहार्द पर न पड़े.