Sambhal Violence: संभल हिंसा से पहले मस्जिद पहुंचे थे सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक के बेटे सोहेल महमूद, WhatsApp पर भीड़ को भड़काया

FIR में आरोप है कि इन्होंने 21 अक्टूबर को मुस्लिम बहुल क्षेत्र में हुई हिंसा को उकसाने का काम किया था. यह हिंसा उस समय हुई जब भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की टीम अदालत के आदेश पर मुगल कालीन जामा मस्जिद में एक सर्वेक्षण कर रही थी.

Sagar Bhardwaj

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल महमूद के खिलाफ FIR दर्ज की है. यह FIR में आरोप है कि इन्होंने 21 अक्टूबर को मुस्लिम बहुल क्षेत्र में हुई हिंसा को उकसाने का काम किया था. यह हिंसा उस समय हुई जब भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की टीम अदालत के आदेश पर मुगल कालीन जामा मस्जिद में एक सर्वेक्षण कर रही थी.

हिंसा में पांच की मौत और कई घायल
हिंसा में पांच लोग मारे गए और 20 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए. पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और एफआईआर में सांसद बर्क को 'आरोपी नंबर 1' और सोहेल महमूद को 'आरोपी नंबर 2' के रूप में नामित किया गया है. इन दोनों नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने मस्जिद के पास भड़काऊ भाषण दिए और वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से हिंसा के लिए भीड़ को उकसाया. एफआईआर में 6 लोगों को नामजद और 700-800 अज्ञात लोगों पर भी एफआईआर की गई है.

कुछ दिन पहले किया था मस्जिद का दौरा
FIR में यह भी कहा गया है कि जिया-उर-रहमान बर्क ने हिंसा से कुछ दिन पहले मस्जिद का दौरा किया था और बिना अनुमति के वहां भाषण दिया था, जिससे स्थानीय लोग और खासकर उग्र भीड़ हिंसा के लिए उकसाई. वहीं, सोहेल महमूद को आरोपित किया गया है कि उन्होंने भीड़ को उत्साहित करते हुए कहा था. उन्होंने कहा था, 'बर्क हमारे साथ हैं, अपने इरादों को पूरा करो.' पुलिस के मुताबिक, इस तरह के बयान भीड़ को हिंसा की ओर ले गए, जिसमें पुलिस पर लाठी, हॉकी स्टिक्स, और हथियारों से हमला किया गया था.

कानूनी धाराएं और गंभीर आरोप
FIR  में सांसद बर्क और विधायक के बेटे सोहेल महमूद के खिलाफ कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें दंगे, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमला, और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, 196(द्वेष फैलाना) और 326(विस्फोटक सामग्री से नुकसान पहुंचाना) जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं.

क्या बोले बर्क
वहीं सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह उस समय बेंगलुरु में थे. उन्होंने कहा कि यह पुलिस प्रशासन की मेरे खिलाफ साजिश है. उन्होंने कहा, 'मुझे फंसाने के लिए ये आरोप लगाए जा रहे हैं.'  बर्क ने यह भी कहा कि मस्जिद एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसे पूजा स्थलों से संबंधित कानून के तहत संरक्षित किया गया है.