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India Daily

इटावा में किसान ने जोत डाली टमाटर की साढ़े छ बीघे फसल, बोला- मंडी में शून्य जा पहुंचा रेट, वीडियो में दिखा दर्द

यह घटना किसानों के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को उजागर करती है. कर्ज लेकर फसल उगाने के बाद भी मुनाफा न मिलना और लागत तक न वसूल पाना उनके लिए दोहरी मार बन गया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
 Etawah farmer ploughed tomato crop After getting zero price for the crop in the market

इटावा, उत्तर प्रदेश में एक किसान ने अपनी साढ़े छह बीघा जमीन पर उगाई टमाटर की फसल को ट्रैक्टर से जोतकर नष्ट कर दिया. कर्ज लेकर मेहनत से तैयार की गई इस फसल की बिक्री का समय आया तो बाजार में टमाटर की कीमतें लगभग शून्य हो गईं.

किसान की मजबूरी

किसान ने बताया कि फसल को काटने, साफ करने और मंडी तक पहुंचाने में भारी खर्चा आता. उसने कहा, "फसल कटवाने, साफ कराने और उसे मंडी तक ले जाने में भी काफी पैसा खर्च होता." जब कीमतें इतनी कम हो गईं कि लागत भी नहीं निकल पाती, तो उसने फसल को नष्ट करना ही बेहतर समझा. इस कदम से उसकी सारी उम्मीदें और मेहनत मिट्टी में मिल गईं.

क्षेत्र में बढ़ती निराशा
यह किसान अकेला नहीं है. इलाके के करीब 50 अन्य किसानों ने भी इसी तरह अपनी टमाटर की फसलों को ट्रैक्टर से रौंद डाला. गिरते दामों और बढ़ते कर्ज के बोझ ने इन किसानों को हताश कर दिया है. क्षेत्र में टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट ने उनकी आजीविका पर संकट खड़ा कर दिया है.

किसानों की बदहाली का सबूत
यह घटना किसानों के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को उजागर करती है. कर्ज लेकर फसल उगाने के बाद भी मुनाफा न मिलना और लागत तक न वसूल पाना उनके लिए दोहरी मार बन गया है. इस स्थिति ने न केवल उनकी मेहनत को बर्बाद किया, बल्कि उनके परिवारों के भविष्य को भी खतरे में डाल दिया.

आगे क्या?
किसानों की इस दुर्दशा ने प्रशासन और नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया है. अब सवाल यह है कि क्या सरकार उनकी मदद के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी?