बस्ती जिले के हरिया तहसील में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जब बिजली विभाग ने रामया गांव के किसान मिल्हू को 7 करोड़ 33 लाख रुपये का बिजली बिल भेजा. यह वही किसान है जिसने 2014 में अपने घर के लिए बिजली कनेक्शन लिया था और 2019 तक लगातार बिजली बिल का भुगतान किया था.
अभी कुछ ही महीने पहले तक, मिल्हू का बिजली बिल केवल 75,000 रुपये था, लेकिन अचानक उनका बिल 7.33 करोड़ रुपये तक पहुँच गया. यह बिल इतना विशाल है कि उसे देखकर मिल्हू और उनके परिवार के होश उड़ गए. मिल्हू के पास 2019 में जमा किए गए बिल का रसीद भी मौजूद है, जो यह प्रमाणित करता है कि वह समय-समय पर अपना बिल भरते रहे हैं.
किसान की परेशानी और चिंता
मिल्हू ने कहा, "जब हमें करोड़ों रुपये का बिल बताया गया, तो हम घबराकर चकरा गए. मुझे तो दिल का दौरा पड़ने वाला था. मेरी एक बेटी है, उसकी शादी का क्या होगा? यह बिजली बिल इतना ज्यादा है कि अगर हम अपनी पूरी संपत्ति बेच दें, तब भी इसे चुका नहीं सकते." यह हालात उनके लिए बहुत ही मुश्किल और चिंताजनक हैं.
बिजली विभाग से कई बार अपील की
गरीब किसान मिल्हू ने कई बार बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों से अपनी समस्या का समाधान करने की अपील की, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला. वह लगातार अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.
मिल्हू के पास इतनी संपत्ति नहीं है कि वह इस भारी-भरकम बिजली बिल का भुगतान कर सकें. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है और उनकी चिंता केवल इस बिल तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें अपनी बेटी की शादी के लिए भी पैसों की चिंता सता रही है. ऐसे में यह बिल एक बड़ा सिरदर्द बनकर सामने आया है.
मिल्हू को उम्मीद है कि जल्द ही इस गलती का समाधान होगा और उनका बिल कम किया जाएगा, ताकि वह अपनी और अपने परिवार की भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें. इस घटना से यह साफ होता है कि बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए, ताकि किसी और किसान को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.