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ग्लोकल यूनिवर्सिटी को ED ने किया सील, फरार है मालिक हाजी इकबाल, अब क्या करेंगे छात्र?

सहारनपुर के खनन माफिया एवं पूर्व बसपा एमएलसी मोहम्मद इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी को प्रवर्तन निदेशालय ने सील कर दिया है. ईडी का कहना है कि इसे पूर्व MLC मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के द्वारा कंट्रोल व मैनेज किया जाता है.

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Edited By: India Daily Live
UP News
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के ग्लोकल यूनिवर्सिटी को जब्त कर लिया  गया है. ईडी ने अवैध खनन मामले में कार्रवाई की है. यह यूनिवर्सिटी 121 एकड़ में है,  इसकी कीमत 4440 करोड़ रुपये की है. ईडी का कहना है कि इसे पूर्व MLC मोहम्मद इकबाल व उनके परिवार के द्वारा कंट्रोल व मैनेज किया जाता है. अब इसे कु्र्क कर लिया गया है. 

पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के ऊपर अवैध खनन का केस लग रहा है. वह फरार चल रहा है. उसके बेटे जेल में हैं. हाजी इकबाल के बारे में कोई जानकारी नहीं है, वह देश में है भी या देश से फरार हो चुका है किसी को नहीं पता. इधर ईडी उसके प्रोपर्टी को जब्त करने में लगी हुई है. मोहम्मद इकबाल की ग्लोबल यूनिवर्सिटी की 4440 करोड़ की बिल्डिंग को अटैच करने के बाद कुर्की की कार्रवाई की जाएगी.

आपराधिक किस्म के लोग पर होगी कार्रवाई

जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री के सख्त आदेश हैं कि जो आपराधिक किस्म के लोग हैं या जिन्होंने गुंडागर्दी करके किसी प्रकार की संपत्ति जुटाए हैं उनपर सख्ती से एक्शन लिया जाए. उन्होंने कहा कि हाजी इकबाल माफिया है, जिसपर कई केस दर्ज हैं. उसके कई शहरों में प्रॉपर्टी हैं. डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि जो पुराने गैंगस्टर के मामले थे या अन्य मामले थे, उसकी संबंधित न्यायालय को रिपोर्ट भेजी गई है. आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी. जैसे ही हमें आदेश मिलेगा, उस पर निरंतर कार्रवाई की जाएगी. जो भी विद्यालय में छात्र हैं, उनके लिए जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, उसको अमल में लाया जाएगा. 

छात्रों का भविष्य संकट में 

ग्लोकल यूनिवर्सिटी पर आरोप है कि यहां मोटी रकम लेकर छात्रों को एडमिशन दी गई, लेकिन बाद छात्रों को उनके कोर्सेस के लिए फर्जी डिग्रियां दी गई थी. यूनिवर्सिटी में किसी तरह का शैक्षणिक काम नहीं चल रहा है. ऐसे में यहा के छात्रों का भविष्य पूरी तरह संकट में है. यूनिवर्सिटी प्रशासन की छवि को बनाए रखने के लिए जल्द ही वहां के स्टाफ को बदलने की भी योजना बनाई जा रही है. इस यूनिवर्सिटी में लगभग 700 स्टाफ काम करते हैं.