Delhi Air Pollution: देश की राजधानी में दिल्ली सरकार ने पटाखों पर साल भर के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. आज सुप्रीम कोर्ट को इस फैसले की जानकारी दी गई. इसके जवाब में, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों को भी ऐसे ही प्रतिबंध को लागू करने का आदेश दिया है, जब तक कोई और निर्देश नहीं दिया जाता. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को दिल्ली की तरह पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया है.
यह फैसला इन राज्यों द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध पर अलग-अलग राय पेश करने के बाद आया है , जबकि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कार्रवाई का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया. प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण हाल के दिनों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता "बहुत खराब" और "गंभीर" श्रेणियों के बीच उतार-चढ़ाव कर रही है.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर
हाल के दिनों में दिल्ली और NCR क्षेत्र में वायु गुणवत्ता "बहुत खराब" से "गंभीर" श्रेणी के बीच दर्ज की गई है, जो प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण है. दिल्ली सरकार ने 12 दिसंबर को अदालत को सूचित किया था कि उसने जनवरी तक के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उसने एक स्थायी, सालभर के प्रतिबंध को लागू करने की योजना भी जाहिर की थी, जो जल्दी ही आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और प्रतिबंध का दायरा
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पटाखों पर प्रतिबंध सिर्फ उनकी बिक्री, निर्माण, भंडारण और उपयोग पर ही नहीं, बल्कि पूरी प्रक्रिया पर लागू होगा. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि NCR के राज्यों को अपने द्वारा किए गए पटाखों के प्रतिबंध के योजना को जल्द से जल्द कोर्ट में पेश करें. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-NCR क्षेत्र में वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना है.
दिल्ली-NCR में GRAP-4 लागू
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) ने ग्रैप-4 यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के चौथे चरण को लागू कर दिया है. इससे पहले ग्रैप का तीसरा चरण लागू किया था. इसके तहत के कई पाबंदियां लगाई गई हैं.