Sambal Violence: लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई हाथापाई का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें देख सकते हैं कि किस तरह से उत्तर प्रदेश की पुलिस से कांग्रेस कार्यकर्ता धक्कामुक्की कर रहे हैं.
संभल में हुई हिंसा को लेकर सपा के बाद कांग्रेसी भी अब आगे आ गए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि वे संभल जाकर ही मानेंगे. अजय राय ने कहा कि वो भी संभल में शांति चाहते हैं. पुलिस ने उनको नोटिस दिया है. पुलिस ने कहा कि आपके जाने से संभल में अराजकता फैल सकती है.
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— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 2, 2024
दरअसल, सोमवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर पुलिस और कांग्रेस नेताओं के बीच हाथापाई हो गई. यह घटना तब हुई, जब पुलिस ने हिंसा प्रभावित संभल का दौरा करने जा रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को रोकने की कोशिश की. पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय से संभल जाने की कोशिश कर रहे कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया है.
सुबह लखनऊ पुलिस ने अजय राय को नोटिस जारी कर उनसे अपना दौरा स्थगित करने को कहा था. पुलिस ने राय से जनहित में सहयोग करने को कहा था ताकि शांति और सांप्रदायिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए संभल जिले के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित धारा 163 बीएनएसएस के आदेश का उल्लंघन न हो.
अज राय ने सरकार पर साधा निशाना
अजय राय ने कहा, "उन्होंने मुझे नोटिस जारी किया है और मुझसे कहा है कि मेरे जाने से अराजकता फैल जाएगी. निश्चित रूप से, हम भी अराजकता नहीं बल्कि शांति चाहते हैं. पुलिस और सरकार द्वारा वहां जो अत्याचार और अन्याय किया गया, मैं चाहता हूं कि मेरा नेतृत्व यह जाने. पुलिस ने मुझे नोटिस दिया है लेकिन मैं वहां शांतिपूर्वक जाऊंगा." उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सहित पार्टी के नेता रात भर लखनऊ पार्टी कार्यालय में रहे.
गांधीवादी तरीका अपनाएंगे कांग्रेसी
राय ने पहले कहा, "सभी पार्टी कार्यकर्ताओं ने तय किया कि हम अपने पार्टी कार्यालय में एक जगह रहेंगे. यह हमारा सौभाग्य है कि हम आज यहां रुके और भविष्य की रणनीति तय की कि हम कैसे जाएंगे और क्या करेंगे. हम गांधीवादी तरीके से चलने की कोशिश करेंगे क्योंकि वे बड़ी संख्या में बाहर तैनात हैं. हमारे कार्यकर्ता सुबह 10.30 बजे तक जाने की कोशिश करेंगे. उन्हें रोकना उनका काम है, वे हमें रोकेंगे, जाना हमारा काम है और हम जाने की कोशिश करेंगे.
जिस दिन संभल जाने से प्रतिबंध हटेगा, उस समय कांग्रेस का डेलिगेशन वहां जाएगा।
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: प्रदेश अध्यक्ष @kashikirai जी pic.twitter.com/bonUmPi9AB
अजय राय और मोना नजरबंद
जाने का एक ही कारण है, उन्होंने वहां जो अत्याचार और अन्याय किया है, जिस तरह से लोगों को पीटा गया, जिस तरह से उनके सिर में गोली मारी गई. इन सब बातों से सरकार डरी हुई है कि सरकार की पोल खुल जाएगी. इसके अलावा, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल तथ्य खोजने और शांति बहाली के लिए जा रहा था. तिवारी ने कहा, "कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल तथ्य खोजने और शांति बहाली के लिए संभल जा रहा था, लेकिन जिला प्रशासन ने अजय राय और मोना जी को नजरबंद कर दिया है.
सपा का प्रतिनिधिमंडल भी नहीं जा सका संभल
इससे पहले 30 नवंबर को अधिकारियों ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रतिनिधिमंडल को संभल जिले में प्रवेश करने से रोक दिया था. इस बीच, रविवार को तीन सदस्यीय न्यायिक समिति ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संभल के शाही मस्जिद इलाके का निरीक्षण किया. समिति ने 24 नवंबर की घटना की जांच करते हुए स्थानीय निवासियों और अधिकारियों से बातचीत की.