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सीएम योगी बोले: वीवीआईपी ट्रीटमेंट लेने वाले महाकुंभ को लेकर कर रहे दुष्प्रचार, 45 करोड़ लोग कर चुके स्नान

Mahakumbh 2025: सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की आलोचना करने पर बिना नाम लिए विपक्षी पार्टियों पर हमला किया.

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Edited By: Anvi Shukla
cm yogi on mahakumbh vvip treatment
Courtesy: pinterest

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 को लेकर उठ रहे कुछ सवालों और आलोचनाओं पर जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में दुष्प्रचार कर रहे हैं. उनका कहना था कि कुछ वीवीआईपी लोग, जो महाकुंभ में आने का विशेष ट्रीटमेंट ले रहे हैं, इस आयोजन को लेकर नकारात्मक प्रचार कर रहे हैं, जबकि असल में महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं. 

महाकुंभ की सफलता पर सीएम योगी का बयान: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "महाकुंभ एक विश्वविख्यात धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसे लाखों श्रद्धालु हर साल श्रद्धा और विश्वास के साथ आते हैं. इसके बावजूद कुछ लोग इसका अपमान करने का काम कर रहे हैं. महाकुंभ में स्नान करने के लिए देश-विदेश से लोग आ रहे हैं, और इस बार 45 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पवित्र स्नान किया है. यह आयोजन पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को दिखाने का एक प्रमुख अवसर है."

वीवीआईपी ट्रीटमेंट पर सीएम का जोरदार पलटवार:
सीएम योगी ने कहा कि जो लोग वीवीआईपी ट्रीटमेंट की बात कर रहे हैं, वे केवल प्रचार और राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि महाकुंभ आयोजन में हर व्यक्ति को समान महत्व दिया जाता है, और यह एक संगठित, सुव्यवस्थित और श्रद्धा से भरपूर आयोजन है. इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सुनिए क्या कहा योगी आदित्यनाथ ने:

महाकुंभ की ऐतिहासिक स्थिति:
सीएम योगी ने यह भी कहा कि महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में होता है, और यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है. लाखों लोग यहां आकर अपनी धार्मिक आस्था को व्यक्त करते हैं, और यह आयोजन पूरी दुनिया में भारतीय धर्म और संस्कृति का प्रतीक है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के दुष्प्रचार करने वालों की आलोचना करते हुए इसे भारतीय संस्कृति और आस्था का उत्सव बताया. उनका कहना था कि महाकुंभ में लाखों लोगों की भागीदारी इस आयोजन की सफलता और भारतीय समाज के विविध धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाती है.