मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने कहा कि महाकुंभ का एक ही संदेश हैृ "एकता से ही यह देश अखंड रहेगा." महाकुंभ में अपनी उपस्थिति और तैयारियों का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में इस संदेश को साझा किया.
देश-विदेश से श्रद्धालुओं का हुजूम
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर बात की और बताया कि देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां स्नान के लिए पहुंचे हैं. विशेष रूप से, विदेशों से आए श्रद्धालु संगम में स्नान कर अभिभूत नजर आ रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यूरोप से आए पर्यटकों ने प्रयागराज की महिमा का गान किया और उनके द्वारा संस्कृत के मंत्रों और अवधी की चौपाइयों का पाठ किया जाना दर्शाता है कि महाकुंभ केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए एक धार्मिक और सांस्कृतिक मिलन स्थल बन चुका है.
संस्कार और श्रद्धा का एक अनूठा रूप
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन विदेशी श्रद्धालुओं में हिंदी, संस्कृत, और भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान दिखता है. उनका कहना था कि "मां गंगा और यहां के धामों के प्रति एक श्रद्धा का भाव उनमें साफ नजर आ रहा है." यह दृश्य महाकुंभ के व्यापक प्रभाव और सांस्कृतिक एकता की पुष्टि करता है, जिससे हर कोई जुड़ा हुआ महसूस करता है.
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाकुंभ क्षेत्र में अब तक सात हजार से अधिक संस्थाएं आ चुकी हैं, और कुल मिलाकर लगभग एक करोड़ से अधिक लोग यहां मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि इन व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए उन्होंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा था, ताकि सभी स्नान और आयोजन शांतिपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सकें.
बड़ी हस्तियों की उपस्थिति
महाकुंभ में बड़ी राजनैतिक और न्यायिक हस्तियों के आने का भी उल्लेख किया गया. सीएम योगी ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के महाकुंभ में आने का प्रस्ताव है. इसके अलावा, कई राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी यहां आ चुके हैं, साथ ही उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भी महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं.
सीएम योगी का आत्म-निवेदन
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा के दिन उन्हें और उनके अन्य अधिकारियों को स्नान का अवसर नहीं मिला क्योंकि वे स्वयं को प्रतिबंधित कर चुके थे, ताकि केवल संतों और श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा सुनिश्चित की जा सके.
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, महाकुंभ का संदेश यही है कि देश की अखंडता और समृद्धि एकता में ही है. संगम नगरी में हो रहे इस ऐतिहासिक आयोजन से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अद्वितीय संदेश प्रसारित हो रहा है.
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