Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होते ही योगी सरकार ने यूपी में अवैध तरीके से वक्फ घोषित संपत्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. सरकार का कहना है कि सरकारी जमीन, ग्राम समाज की जमीन और सार्वजनिक संपत्तियां किसी भी हालत में वक्फ नहीं हो सकतीं. केवल उन्हीं संपत्तियों को वक्फ माना जाएगा जो स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति द्वारा दान की गई हों.
अवैध वक्फ दावों की पहचान का अभियान
बता दें कि यूपी में बड़े पैमाने पर तालाब, पोखर, खलिहान और ग्राम समाज की जमीनों को वक्फ घोषित कर कब्जा कर लिया गया है, जिसे सरकार ने अवैध ठहराया है. राजस्व विभाग के अनुसार, सुन्नी वक्फ बोर्ड की केवल 2,533 संपत्तियां राजस्व अभिलेखों में दर्ज हैं, जबकि शिया वक्फ बोर्ड की 430 संपत्तियां अधिकृत रूप से पंजीकृत हैं. इसके विपरीत, सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा है कि उनकी 1,24,355 संपत्तियां हैं और शिया वक्फ बोर्ड की 7,785 संपत्तियां हैं.
सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अभियान चला कर उन संपत्तियों की पहचान करें जो राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं हैं और जिन्हें नियमों के खिलाफ वक्फ घोषित किया गया है. इन संपत्तियों की पहचान करते ही उन्हें सरकारी संपत्ति घोषित करके जब्त कर लिया जाएगा. दोषियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
योगी सरकार की स्पष्ट राय
बता दें कि प्रयागराज में सीएम योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बिल और महाकुंभ से जुड़े मामलों पर स्पष्ट कटाक्ष करते हुए कहा, ''वक्फ बोर्ड शहरों में भूमि पर निराधार दावे करता रहा है. कुंभ मेले की तैयारियों के दौरान भी उन्होंने घोषणा की कि आयोजन की भूमि उनकी है. तब हमें पूछना पड़ा - क्या वक्फ बोर्ड भू-माफिया बन गया है?''
वहीं उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार के तहत इस तरह के अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. योगी सरकार ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखते हुए अवैध दावों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे. सीएम ने आगे कहा, ''जो लोग राष्ट्र के प्रति वफादार हैं, वे हमेशा अपना रास्ता खोज लेंगे.'' इसके अलावा, योगी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी सराहना की है, जिन्होंने वक्फ बोर्ड की मनमानी पर लगाम लगाने में मदद की.