Noida: नोएडा में पुलिस ने एक बड़े लोन ऐप ठगी के गिरोह का खुलासा किया है, जो चीन और इंडोनेशिया से संचालित हो रहा था. इस गिरोह ने भारतीय नागरिकों को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया और जनवरी 2023 से अब तक देशभर से 310 करोड़ रुपये ठगे. यह गिरोह लोन देने के बहाने लोगों को फंसाता था और फिर उन्हें डरा-धमकाकर कई गुना ज्यादा पैसे वसूलता था. नोएडा के सेक्टर-2 स्थित एक व्यावसायिक भवन से पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया.
ये गिरोह 20 से ज्यादा लोन ऐप्स के जरिए ₹5,000 से ₹60,000 तक का लोन 7 से 21 दिनों के लिए देता था. लेकिन, लोन लेने के बाद इन लोगों को फोन करके उन्हें धमकाया जाता था और उनसे लोन के मुकाबले तीन गुना ज्यादा राशि वसूल की जाती थी. गिरोह के मुख्य आरोपियों ने इन लोन एप्स को चलाने के लिए दो कंपनियों का सहारा लिया. एक कंपनी डायलबैक प्राइवेट लिमिटेड थी, जो त्वरित लोन देने वाली एक एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) से जुड़ी हुई थी. दूसरी कंपनी कॉल सेंटर के माध्यम से काम करती थी, जो लोन लेने वालों को धमकाकर उनसे अतिरिक्त पैसे वसूल करती थी.
40 से 45 लाख की रोज होती थी कमाई
पुलिस के अनुसार, गिरोह की कमाई का एक बड़ा हिस्सा विदेश भेजा जाता था. आरोपियों ने एक कॉल सेंटर चलाया, जिसमें मुख्य रूप से हरमन और सनी नाम के दो युवक काम कर रहे थे. इन लोगों को विदेशों से प्रति माह ₹1 लाख का वेतन मिलता था, जबकि अन्य कर्मचारियों को ₹20,000-₹25,000 मिलते थे. इस कॉल सेंटर का औसत दैनिक संग्रह ₹40-45 लाख था. पुलिस ने इस छापे में 223 सिम कार्ड, 15 मोबाइल फोन और 5 लैपटॉप जब्त किए हैं.
हजारों लोगों के साथ हुई ठगी
इस मामले के बारे में साइबर क्राइम पुलिस का कहना है कि यह गिरोह बहुत बड़ा और संगठित था, जो पूरी तरह से भारतीयों का इस्तेमाल कर रहा था. इस गिरोह की पकड़ बहुत मजबूत थी और यह लोन एप्स के माध्यम से हजारों लोगों को ठग चुका था.