कहते हैं घर में बुजुर्ग और बच्चा दोनों ही एक होते हैं. इसलिए इन दोनों का घर में होना बहुत जरूरी रहता है. इतना ही नहीं वे बच्चे भी अपने दोस्त से ज्यादा घर के बड़े बुजुर्ग से नजदीक रहते हैं. फिर चाहें दादा-दादी हों या नाना-नानी. मां-बाप के बाद सबसे ज्यादा दुलार बच्चों को इन्हीं लोगों से मिलता है और ये लोग भी नन्ही जान में अपनी जीवन के परम सुख का आनंद लेते हैं. तभी जिस घर में बुजुर्ग रहते हैं उस घर के एक-एक बच्चे भी काफी खुश रहते हैं. चाहे नानी की कहानी हो या फिर मां की डांट से दादी का बचाना हो. छोटे बच्चों सबके साथ काफी खुशनुमा रहता है. हालांकि नाना-दादा भी बच्चों की परवरिश में कम भूमिका नहीं निभाते हैं. उनकी जान बसती है अपने घर के पोता-पोती में. इस बात को एक दादा ने सच में साबित कर दिया.
यह सेक्टर-107 स्थित लोटस 300 सोसाइटी की 13वीं मंजिल से गिरे बच्चे (10) की मौत हो गई. सोसायटी में मयंक बलूजा 13वीं मंजिल पर फ्लैट में रहते हैं. वह नोएडा सेक्टर-18 में दुकान करते हैं. उनके पिता काफी समय से बीमार चल रहे हैं. वह अस्पताल में भर्ती थे. बीते शनिवार शाम को मयंक अपनी पत्नी के साथ बाहर खाना खाने के लिए गए थे. घर पर उनका छोटा बेटा अरमान (10) परिवार के अन्य लोगों के साथ मौजूद थे. साढ़े दस बजे अरमान फ्लैट की बालकनी में पहुंच गया था. इस दौरान उसका अचानक पैर फिसल गया और नीचे गिर गया. सोसायटी के लोगों ने उसको गंभीर हालत में उपचार के लिए यर्थाथ अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया. उसके बाद जैसे ही इस खबर की भनक जेपी अस्पताल में भर्ती अरमान के दादा को जब उसकी पोते की मौत की खबर मिली तो उन्होंने भी दम तोड़ दिया.
हादसे के बाद पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है. पुलिस सोसायटी व टावर में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. साथ ही सोसाइटी के गाडौँ से भी पुलिस जानकारी ले रही है. पुलिस ने कहा है कि परिजनों की तरफ से मामले की शिकायत मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस के मुताबिक अरमान के दादा किडनी की बीमारी से ग्रसित थे. पिछले छह महीने से वह अस्पताल में भर्ती थे. उनका डायलिसिस चल रहा था. शनिवार रात की घटना के बाद पोते की मौत की सूचना मिलते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई. कुछ ही देर में उन्होंने दम तोड़ दिया.