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कौन थे अयोध्या में रामलला को 'विराजमान' करने वाले आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित? 86 साल की उम्र में निधन

Acharya Laxmikant Dixit: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नेतृत्व करने वाले मुख्य पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित नहीं रहे. उन्होंने शनिवार सुबह अंतिम सांसें लीं. इस साल जनवरी माह में हुए राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वे वाराणसी के सांगवेद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे. इस विश्वविद्याल की स्थापना काशी नरेश के सहयोग से की गई थी. उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है.

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Edited By: India Daily Live
Chief priest Acharya Laxmikant Dixit
Courtesy: Social Media

Acharya Laxmikant Dixit: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नेतृत्व करने वाले मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का शनिवार सुबह निधन हो गया. पुजारी जी की उम्र 86 साल थी. उनके परिजनों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वे अस्वस्थ चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा. अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्री राम के बाल रूप राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी. 

वाराणसी के वरिष्ठ विद्वानों में से एक माने जाने वाले दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के रहने वाले थे हालांकि उनका परिवार कई पीढ़ियों से वाराणसी में रह रहा है. लक्ष्मीकांत वाराणसी के सांगवेद विश्विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे. इसकी स्थापना तत्कालीन काशी नरेश के सहयोग से की गई थी. उनकी गिनती यजर्वेद के बड़े विद्वानों में होती थी. 

सीएम योगी ने जताया दुख 

आचार्य के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त किया है. एक्स पर एक पोस्ट में आदित्यनाथ ने कहा कि काशी के महान विद्वान और श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुजारी आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित का जाना आध्यात्मिक और साहित्यिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. इसके आगे उन्होंने लिखा कि संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.मैं भगवान श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. 


पीढ़ियों पहले काशी में आ बसा था परिवार 

लक्ष्मीकांत पूजा पद्धति में विद्वान माने जाते थे. उन्होंने वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा अपने चाचा गणेश दीक्षित से ली थी. मूल रूप से महाराष्ट्र का निवासी दीक्षित परिवार कई पीढ़ियों पहले काशी आकर बस गया था. उनके पूर्वजों ने नासिक, नागपुर रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए थे. उनके बेटे सुनील दीक्षित ने बताया कि उनके पूर्वज पंडित गागा भट्ट ने 17वीं सदी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कराया था.