'राहुल और प्रियंका ने हमारी नीली क्रांति को फैशन बना दिया', कांग्रेस पर भड़के मायावती के भतीजे आकाश, क्या BJP की B टीम है BSP?

BSP Slams on Congress on Ambedkar Vivad:BSP का कहना है कि अंबेडकर के योगदान को कभी कम नहीं आंका जा सकता, और उनका सम्मान हर हालत में किया जाना चाहिए. BSP ने यह भी कहा कि इस तरह के बयान उनके लिए अस्वीकार्य हैं

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BSP Slams on Congress on Ambedkar Vivad:  देश में चल रही राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. यह विवाद उस बयान के बाद उभरा है जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर दिया था. इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किए, वहीं मायावती के भतीजे और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने राहुल और प्रियंका गांधी पर तीखा हमला किया है. आकाश आनंद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए फैशन बना दिया है. इस विवाद के साथ उत्तर प्रदेश की राजनीति में अंबेडकर की भूमिका को लेकर भी नई बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया पर एक ओर जनता बीएसपी को बीजेपी की बी टीम बता रहे हैं तो दूसरी ओर ओर बीएसपी दोनों पार्टियों बीएसपी और बीजेपी पर हमलावर है. 

"अंबेडकर का अपमान नहीं सहन करेंगे"

आकाश आनंद ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर, जो करोड़ों दलितों, शोषितों और वंचितों के लिए एक देवता के समान हैं, उनके नाम का उपयोग अब एक फैशन बन गया है. उन्होंने कहा, "पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में अंबेडकर का अपमान किया, फिर राहुल और प्रियंका गांधी ने हमारी नीली क्रांति (अंबेडकर के विचारों और संघर्ष का प्रतीक) को एक फैशन शो बना दिया. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने भी अंबेडकर की छवि से छेड़छाड़ की." आकाश आनंद ने यह भी स्पष्ट किया कि बहुजन समाज पार्टी का मिशन दलितों, शोषितों और वंचितों की आत्म-सम्मान की रक्षा करना है, और BSP इस संघर्ष को जारी रखेगी.

यूपी की राजनीति में गर्माया अंबेडकर विवाद

उत्तर प्रदेश की राजनीति में अंबेडकर का मुद्दा हमेशा ही महत्वपूर्ण रहा है. बीएसपी की प्रमुख मायावती ने अंबेडकर के विचारों और संघर्ष को अपनी पार्टी की विचारधारा का हिस्सा बनाया है. ऐसे में आकाश आनंद का बयान सीधे तौर पर कांग्रेस और अन्य दलों की राजनीति को चुनौती दे रहा है. इस बयान ने यूपी की राजनीति में नई गर्मी पैदा कर दी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का असर आगामी चुनावों पर कैसे पड़ता है.

अमित शाह ने क्या बयान दिया था?

यह विवाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 17 दिसंबर को संसद में दिए गए बयान से शुरू हुआ. राजीव गांधी की सरकार में अंबेडकर के इस्तीफे पर चर्चा करते हुए, अमित शाह ने कहा था, "अब यह फैशन बन गया है... अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर. अगर आप भगवान का इतना नाम लेंगे, तो सात जन्मों तक स्वर्ग में रहेंगे." शाह ने यह बयान देते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला किया और कहा कि अब अंबेडकर के नाम का जाप हो रहा है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को यह बताना चाहिए कि अंबेडकर ने नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दिया था.