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Kanwar Order Row: मुसलमानों से नफरत का ओवैसी ने किया दावा, भाजपा ने हैदराबाद सांसद की कर दी जिन्ना से तुलना

Kanwar Order Row: कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के मामले को लेकर ओवैसी ने एक दिन पहले एक एक्स पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने भारतीय मुसलमानों के प्रति नफरत का दावा किया था. हैदराबाद सांसद के इस पोस्ट के बाद भाजपा ने उनकी तुलना पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्मद जिन्ना से तुलना कर दी. आइए, जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?

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Edited By: India Daily Live
Kanwar order row
Courtesy: Social Media

Kanwar Order Row: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और रेस्तरांओं को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देश से बड़ा विवाद पैदा हो गया है, तथा विपक्ष ने इस आदेश को भेदभावपूर्ण बताया है. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह आदेश भारत में मुसलमानों के प्रति गहरी नफरत को दर्शाता है. ओवैसी ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यूपी के कांवड़ मार्गों पर डर: यह भारतीय मुसलमानों के लिए नफरत की वास्तविकता है.

ओवैसी ने अपने पोस्ट में लिखा कि इस घृणा का श्रेय राजनीतिक दलों, हिंदुत्व के नेताओं और तथाकथित दिखावटी धर्मनिरपेक्ष दलों को जाता है. उन्होंने एक अंडे की दुकान की तस्वीर शेयर की, जिस पर उसके मालिक का नाम लिखा था. इस बीच, पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा कि विपक्ष जनता को गुमराह कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी की सरकारों ने भी इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी की थीं. उन्होंने कहा कि ओवैसी पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की भूमिका निभा रहे हैं.

मजूमदार बोले- विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है, झूठ फैला रहा है

मजूमदार ने कहा कि विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है और झूठ फैला रहा है. मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान भी इसी तरह की अधिसूचना जारी की गई थी और अखिलेश यादव की पूर्व की सरकार ने भी ऐसी अधिसूचनाएं जारी की थीं... यह एक नियमित प्रक्रिया है और कांवड़ यात्रा तक सीमित नहीं है. कानून के अनुसार नाम दर्ज होना चाहिए, धर्म के आधार पर किसी की पहचान नहीं की जानी चाहिए... हिंदू जो मांसाहारी खाते हैं, वे मुस्लिमों की दुकानों पर जाते हैं. पश्चिम बंगाल में, हम ऐसी कई दुकानों पर जाते हैं, जो मुसलमानों द्वारा चलाई जाती हैं. विपक्ष लोगों को बांटने की कोशिश कर रहा है और असदुद्दीन ओवैसी जिन्ना की भूमिका निभा रहे हैं.

कपिल सिब्बल बोले- विभाजनकारी एजेंडे देश को केवल बांटेंगे

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक्स पर लिखा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क किनारे ठेले समेत खाने-पीने की दुकानों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है! क्या यह "विकसित भारत" का मार्ग है? विभाजनकारी एजेंडे केवल देश को विभाजित करेंगे! 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ये आदेश धर्म की आड़ में राजनीति के नए खेल का हिस्सा है. मदनी ने एक बयान में कहा कि ये पूरी तरह से भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक निर्णय है और राष्ट्र विरोधी तत्वों को इससे लाभ उठाने का अवसर मिलेगा. 

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि भाजपा सरकार अगला निशाना दलितों को बनाएगी. उन्होंने कहा कि पहले वे (भाजपा) मुसलमानों के अधिकारों को कुचलना चाहते हैं, फिर दलितों और फिर पिछड़ों और अन्य जातियों की बारी आएगी क्योंकि वे एक अलग व्यवस्था बनाना चाहते हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश में जो किया वह इस देश के संविधान के खिलाफ है.

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने दावा किया कि भाजपा देश की एकता को नष्ट कर रही है. उन्होंने कहा कि अब आप (भाजपा) खाने-पीने के स्टॉलों पर जाति और धर्म के आधार पर नामपट्टिका लगाने का निर्देश दे रहे हैं? क्या आप देश को बांटना चाहते हैं? आपको इससे कोई लाभ नहीं होगा. आप देश की एकता को तोड़ रहे हैं.