Bijnor Forest Department: बिजनौर में वन विभाग एक असामान्य चुनौती से जूझ रहा है क्योंकि वो इस क्षेत्र में तेंदुए के हमलों के बढ़ते खतरे से निपटने का प्रयास कर रहा है. विभाग ने स्मार्ट कदम उठाते हुए पूरे क्षेत्र में 50 से अधिक जाल बिछाए हैं, जिसमें हमलावर तेंदुओं को पकड़ने के लिए बकरियों को चारा के रूप में इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, संभावित खतरे के बावजूद इलाके के चोर, जाल में रखी गईं बकरियों को चुरा ले रहे हैं. पिछले साल जनवरी से अब तक 25 से अधिक लोग तेंदुए के हमले का शिकार हो चुके हैं और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.
राम बाग कॉलोनी निवासी रूपेश कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले गांव के पास एक तेंदुआ देखा गया था. सूचना मिलने पर वन विभाग ने 'जंगली बिल्ली' को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया, जिसमें एक बकरी रखी गई. लेकिन, किसी ने बकरी चुरा ली.
रूपेश कुमार ने बताया कि गांव के लोगों ने मिलकर एक और बकरी खरीदने के लिए पैसे जुटाए, जिसे पिंजरे में रखा गया. दुर्भाग्य से, बुधवार को दूसरी बकरी भी चोरी हो गई. बार-बार चोरी होने से परेशान स्थानीय लोगों ने अब पिंजरा हटाने का फैसला किया है.
पिछले दो महीनों में पिलाना, कोतवाली देहात, अफजलगढ़ और चांदपुर समेत जिले भर के विभिन्न स्थानों पर वन विभाग की ओर से लगाए गए पिंजरों से कई बकरियां चोरी हो चुकी हैं. बिजनौर के प्रभागीय वनाधिकारी ज्ञान सिंह ने चोरी की घटनाओं की पुष्टि की है.
ज्ञान सिंह ने बताया कि हमने 87 संवेदनशील गांवों की पहचान की है. बड़ी बिल्लियों को पकड़ने के प्रयास में, हमने विभिन्न स्थानों पर रणनीतिक रूप से 50 पिंजरे रखे, जिनमें बकरियों को चारा के रूप में इस्तेमाल किया गया. हालांकि, चोरों ने कुछ बकरियों को चुरा लिया, जिससे ऑपरेशन में बड़ी चुनौती पैदा हो गई. ये हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है. हमने संबंधित पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज कराई है.